eSIM का बड़ा खतरा हो जाए सावधान। (सौ. Freepik)
eSIM Fraud: eSIM (Embedded SIM) एक डिजिटल सिम है जिसे स्मार्टफोन में सॉफ्टवेयर के जरिए इंस्टॉल किया जाता है। यह कॉल, मैसेज और इंटरनेट डेटा जैसी सभी सुविधाएं देता है, जो एक फिजिकल सिम प्रदान करती है। लेकिन अब साइबर अपराधियों ने इस आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग शुरू कर दिया है। अगर कोई हैकर आपकी जानकारी के बिना आपकी फिजिकल सिम को eSIM में बदल देता है, तो वह आपके बैंक के OTP और ऑथेंटिकेशन कोड हासिल कर सकता है। इससे उन्हें आपके बैंक अकाउंट पर पूरा नियंत्रण मिल जाता है। जिससे वो जो चाहे वो कर सकते है।
हाल ही में मुंबई में एक व्यक्ति eSIM धोखाधड़ी का शिकार हुआ। पीड़ित को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया और महज 15 मिनट के भीतर उसके फोन का नेटवर्क बंद हो गया। जब तक उसने अपना एटीएम कार्ड, UPI और बैंक अकाउंट ब्लॉक करवाया, तब तक उसके खाते से ₹4 लाख निकल चुके थे। जांच में सामने आया कि अपराधियों ने पीड़ित को एक लिंक भेजा था, जिसे उसने गलती से क्लिक कर दिया। उसी लिंक के जरिए उसकी सिम को eSIM में बदल दिया गया, जो सीधे हैकर्स के कंट्रोल में थी।
जब किसी फिजिकल सिम को eSIM में बदला जाता है, तो धोखेबाज का डिवाइस पीड़ित के सभी कॉल और OTP रिसीव करने लगता है। पारंपरिक सिम स्वैप में आमतौर पर केवल SMS पर असर पड़ता है, लेकिन eSIM फ्रॉड में OTP कॉल के माध्यम से भी पहुंच जाते हैं। इससे धोखाधड़ी की रफ्तार तेज हो जाती है और इसका पता लगाना और मुश्किल हो जाता है।
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साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि “eSIM तकनीक सुरक्षित है, लेकिन यूजर्स की लापरवाही इसे खतरनाक बना देती है।” उनका सुझाव है कि सतर्क रहना और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करना ही सबसे बड़ा बचाव है।