टल गई AXIOM-4 मिशन की लॉन्चिंग (सोर्स- सोशल मीडिया)
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग एक दिन के लिए टाल दी गई है। लॉन्चिंग टालने की वजह खराब मौसम को बताया गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है।
भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला तीन अन्य क्रू मेंबर्स के साथ इस लॉन्च का हिस्सा बनने वाले हैं। लेकिन ख़राब मौसम की वजह से अब इसे 1 दिन के लिए टाल दिया गया है।
पहले इस मिशन को 10 जून को सुबह 8:22 बजे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के LC-39A लॉन्च पैड से स्पेसड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए लॉन्च किया जाना था। लेकिन अब यह लॉन्चिंग 11 जून को भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे होगी।
इसरो के एक्स हैंडल से चीफ डॉ. वी. नारायणन का बयान पोस्ट किया गया। पोस्ट में लिखा गया है, “मौसम की स्थिति के कारण भारतीय गगनयात्री को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने के लिए AXIOM-4 मिशन का प्रक्षेपण 10 जून की बजाय 11 जून के लिए पोस्टपोन कर दिया गया है। अगला प्रक्षेपण समय 11 जून को शाम 5:30 बजे है।”
Launch of Axiom-4 mission to International Space Station: Due to weather conditions, the launch of Axiom-4 mission for sending Indian Gaganyatri to International Space Station is postponed from 10th June 2025 to 11th June 2025. The targeted time of launch is 5:30 PM IST on 11th… — ISRO (@isro) June 9, 2025
शुभांशु शुक्ला जैसे ही इस उड़ान पर उड़ान भरेंगे, वे इतिहास रच देंगे। यह भारत का दूसरा मानव अंतरिक्ष मिशन होगा। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने रूसी अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी। आपको बता दें कि शुभांशु अपनी टीम के साथ 14 दिनों तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे।
इस दौरान वे न केवल विज्ञान से जुड़े कई प्रयोग करेंगे बल्कि कई विशेषज्ञों से सीधे बात भी करेंगे। शुभांशु शुक्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्कूली छात्रों और अंतरिक्ष उद्योग से जुड़े दिग्गजों से भी बातचीत करेंगे।
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आपको बता दें कि पूरी टीम 60 प्रयोग करेगी। इनमें से 7 प्रयोगों की योजना इसरो ने बनाई है। शुभांशु शुक्ला नासा के मानव अनुसंधान कार्यक्रम के तहत शामिल होंगे। शुभांशु शुक्ला नासा द्वारा आयोजित पांच सहयोगी अध्ययनों का भी हिस्सा होंगे। इस दल में भारत के अलावा पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं।