Mobile Network जिससे हो रही है परेशानी। (सौ. Freepik)
Digital Connectivity 5G India: भारत में मोबाइल डेटा का सबसे बड़ा हिस्सा घरों और इमारतों के अंदर इस्तेमाल होता है, लेकिन नेटवर्क कवरेज की समस्या अभी भी बरकरार है। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के चेयरपर्सन अनिल कुमार लाहोटी ने सोमवार को एक ऑनलाइन सेशन में बताया कि देश में करीब 70 से 80 प्रतिशत मोबाइल डेटा खपत इनडोर होती है, लेकिन कई परिसरों में पर्याप्त नेटवर्क कवरेज उपलब्ध नहीं है।
लाहोटी ने कहा कि आज के समय में, खासकर 5G जैसी उन्नत तकनीक के दौर में, डिजिटल कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर (DCI) की बेहतर योजना बेहद आवश्यक है। इसमें फाइबर एंट्री, डक्टिंग, केबल ट्रे, रूफटॉप एक्सेस, वाई-फाई रेडीनेस और नेटवर्क की मजबूती को उसी तरह प्राथमिकता देनी होगी जैसे बिजली और पानी की आपूर्ति को दी जाती है।
TRAI ने इस साल डिजिटल कनेक्टिविटी रेटिंग रेगुलेशन 2024 को अधिसूचित किया है। इसके तहत प्रॉपर्टीज को उनकी कनेक्टिविटी के आधार पर स्टार रेटिंग सिस्टम मिलेगा। इस दिशा में 13 अगस्त 2025 को डिजिटल कनेक्टिविटी असेसमेंट मैनुअल भी जारी किया गया। फिलहाल 8 डिजिटल कनेक्टिविटी रेटिंग एजेंसियों (DCRAs) को पंजीकृत किया जा चुका है, जबकि अन्य आवेदन समीक्षा में हैं।
यह इंटरएक्टिव सेशन TRAI और फॉरम ऑफ इंडियन रेगुलेटर्स (FoIR) द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें FoIR के सदस्य संगठनों जैसे IBBI, CERC, PNGRB, CCI, SERCs और AERA के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। कुल मिलाकर 80 से अधिक अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया और कनेक्टिविटी को लेकर अपने विचार साझा किए।
इस मौके पर FoIR के मानद चेयरपर्सन और IBBI के चेयरमैन रवि मित्तल ने कहा कि, “आज डिजिटल कनेक्टिविटी वित्त, शिक्षा, परिवहन, आवास और स्वास्थ्य जैसे सभी क्षेत्रों की बुनियादी जरूरत बन चुकी है।” उन्होंने TRAI की रेटिंग सिस्टम पहल को सराहा और विभिन्न क्षेत्रों के रेगुलेटर्स के बीच सहयोग पर जोर दिया।
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विशेषज्ञों का मानना है कि TRAI का यह कदम डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटीज मिशन को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है। इससे न केवल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, बल्कि भविष्य की तकनीकी जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा।