क्रेग फुल्टन और हरमनप्रीत सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)
India Hockey Coach Craig Fulton on Hockey Asia Cup 2025: हॉकी एशिया कप की शुरुआत 29 अगस्त से हो रही है। इस बार हॉकी एशिया कप की मेजबानी बिहार कर रहा है। जिसके लिए सभी 8 टीम राजगीर पहुंच चुकी है। यह एशिया कप वर्ल्ड कप के लिहाज से भी अहम होगा। एशिया कप की विजेता टीम को वर्ल्ड कप में सीधे एंट्री मिलेगी।
हॉकी एशिया कप को लेकर भारतीय हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि एशिया कप उनकी टीम के लिए इस साल की सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता है क्योंकि यह उसके लिए अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने का आखिरी मौका है।
प्रो लीग के यूरोपीय चरण में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण भारत विश्व कप में जगह नहीं बन पाया था और अब उसे अगले साल 14 से 30 अगस्त के बीच नीदरलैंड और बेल्जियम में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के लिए एशिया कप में हर हाल में जीत हासिल करनी होगी। भारत एशिया कप में अपने अभियान की शुरुआत शुक्रवार को चीन के खिलाफ करेगा।
फुल्टन ने मैच की पूर्व संध्या पर कहा कि यह साल का हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है और इसलिए हम इसे जीतने के लिए अपना सब कुछ झोंक देंगे। हम टूर्नामेंट में आगे बढ़ना चाहते हैं। इनाम भी बड़ा है सीधा क्वालीफिकेशन और हम यही चाहते हैं। भारतीय कोच ने कहा कि अगर हम यहां से क्वालीफाई कर लेते हैं तो हमारे पास एक साल का कार्यक्रम तय हो जाएगा। हमने काफी समय से कोई टूर्नामेंट नहीं जीता है और हमारा लक्ष्य एशिया में नंबर एक बनना है। हम अगले 10 दिनों में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
भारत ने आखिरी बार एशिया कप आठ साल पहले 2017 में ढाका में जीता था और पिछली बार वह तीसरे स्थान पर रहा था। फुल्टन ने कहा कि उन्होंने उन क्षेत्रों पर काम किया है, जिन्हें उन्होंने प्रो लीग के यूरोपीय चरण के दौरान पहचाना था।
उन्होंने कहा कि प्रो लीग में हमारे कुछ बेहद करीबी मैच हुए, लेकिन नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे। हम अच्छा खेल रहे थे, बस चौथे क्वार्टर में हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। हमने मौके बनाए, लेकिन अधिक गोल नहीं कर पाए। हमने अब अच्छा अभ्यास किया है। दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले फुल्टन ने कहा कि विश्व कप में जगह दांव पर होने के कारण उन्होंने टीम में नए खिलाड़ियों को शामिल करने बजाय अनुभव को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे में हमारे पास 24 खिलाड़ी थे। कुछ युवा खिलाड़ी टीम में आए, इसलिए उन्हें मैचों की ज़रूरत थी। इसलिए पहले दो मैचों में युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया और तीसरे और चौथे मैच में एशिया कप के लिए चयन हुआ। यह प्रतिस्पर्धी था। मेरी राय में क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में युवा खिलाड़ियों को उतारना बुद्धिमानी नहीं होगी।
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भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह अपने कोच से पूरी तरह सहमत नजर आए। उन्होंने कहा कि कोच जो सोच रहा है, टीम भी वही सोच रही है। प्रो लीग में हमारे पास मौका था, लेकिन दुर्भाग्य से नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे। हम किसी भी टीम को हल्के से नहीं लेंगे।
हरमनप्रीत ने कहा कि चीन के खिलाफ मैच आसान नहीं होगा। वह नई रणनीति के साथ मैदान पर उतर सकता है। प्रत्येक टीम यहां जीतने के लिए आई है और आप किसी भी टीम को कम करके नहीं आंक सकते। हमारी सोच हमेशा सक्रिय बने रहने की है। प्रो लीग में हमने जो कुछ भी सीखा है, हमें उन गलतियों को यहां नहीं दोहराना चाहिए। (भाषा इनपुट के साथ)