
आईसीसी वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ भारतीय महिला टीम के खिलाड़ी, (सोर्स-ANI)
India vs South Africa CWC 2025: कप्तान हरमनप्रीत कौर के एक फैसले ने मैच का रुख बदल दिया। उन्होंने पार्टटाइम स्पिनर शेफाली वर्मा को गेंद थमाई और इस फैसले ने साउथ अफ्रीका का मोमेंटम तोड़ दिया। यही सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट भी कहा गया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार की देर रात इतिहास रचते हुए महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से करारी शिकस्त दी। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में हुए इस खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका के सामने 299 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था।
साउथ अफ्रीकी टीम 45.3 ओवरों में 246 रनों पर ही सिमट गई, और इस जीत के साथ ही भारतीय महिला टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया। साउथ अफ्रीका का खिताब जीतने का सपना इस बार अधूरा रह गया। फाइनल में साउथ अफ्रीका के लिए कप्तान लॉरा वोलवार्ट ने शतकीय पारी खेली, लेकिन भारतीय टीम की जीत का आधार शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा का ऑलराउंड प्रदर्शन बना।
भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर का एक विशिष्ट फैसला इस ऐतिहासिक जीत की बुनियाद रच गया। उन्होंने मैच के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टटाइम स्पिनर शेफाली वर्मा को गेंदबाजी सौंपी। यह फैसला तब लिया गया जब रनचेज के दौरान साउथ अफ्रीका ने 62 रनों पर दो विकेट खो दिए थे, लेकिन उसके बाद कप्तान लॉरा वोलवार्ट और सुने लुस के बीच तीसरे विकेट के लिए 52 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हो चुकी थी। इस साझेदारी ने भारतीय टीम की चिंताएं बढ़ा दी थीं। इस पार्टनरशिप को तोड़ने के लिए, 20वें ओवर की समाप्ति के बाद, शेफाली वर्मा को गेंदबाजी मोर्चे पर लगाया गया। हरमनप्रीत कौर का यह दांव पूरी तरह सफल रहा।

गेंदबाजी के लिए आने के बाद, शेफाली वर्मा ने अपनी दूसरी ही गेंद पर साउथ अफ्रीका की बल्लेबाज सुने लुस को कॉट एंड बोल्ड आउट कर दिया, जिससे यह खतरनाक साझेदारी टूट गई। इतना ही नहीं, अपने अगले ओवर की पहली ही गेंद पर शेफाली ने एनेके बॉश को भी पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। शेफाली द्वारा लिए गए इन दो लगातार महत्वपूर्ण विकेटों ने फाइनल में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजी मोमेंटम को पूरी तरह से तोड़ दिया।
मैच के बाद, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने खुलासा किया कि शेफाली को गेंदबाजी देने का फैसला उनके अंदरूनी अहसास (Gut Feeling) पर आधारित था। हरमनप्रीत ने कहा, “मेरा दिल कह रहा था कि आज शेफाली का दिन है और उसे एक ओवर देना चाहिए।” जब हरमनप्रीत ने शेफाली से पूछा कि क्या वह गेंदबाजी के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने तुरंत ‘हां’ में जवाब दिया।
हरमनप्रीत ने यह भी बताया कि जब शेफाली वर्मा पहली बार टीम में शामिल हुई थीं, तब उनसे कहा गया था कि उन्हें शायद दो-तीन ओवर फेंकने पड़ सकते हैं। उस समय शेफाली ने निडरता दिखाते हुए कहा था, “अगर आप मुझे गेंद देंगे, तो मैं टीम के लिए 10 ओवर भी डाल दूंगी”। हरमनप्रीत के अनुसार, शेफाली वर्मा की यह निडरता और टीम के लिए कुछ करने का जज्बा ही वह प्रेरणा थी, जिसने उन्हें यह मौका देने के लिए उत्साहित किया, और यह जुआ पूरी तरह से सफल रहा।
शेफाली वर्मा ने खिताबी मुकाबले में कुल 7 ओवरों की गेंदबाजी की, जिसमें उन्होंने 36 रन देकर 2 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए। हालांकि, उनका योगदान केवल गेंदबाजी तक ही सीमित नहीं रहा। सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने 78 गेंदों का सामना करते हुए शानदार 87 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और दो छक्के शामिल थे। बल्ले और गेंद दोनों से कमाल का प्रदर्शन करने वाली शेफाली वर्मा को इस ऐतिहासिक मुकाबले में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
A special moment! 🏆 ICC Chairman Mr. Jay Shah presents the ICC Women’s Cricket World Cup 2025 Trophy to our winning captain Harmanpreet Kaur 🇮🇳@JayShah | @ImHarmanpreet #TeamIndia | #WomenInBlue | #CWC25 | #INDvSA | #Champions pic.twitter.com/wETVXoMNnA — BCCI (@BCCI) November 2, 2025
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आज के दिन यह भी उल्लेखनीय है कि शेफाली वर्मा मूल रूप से वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा नहीं थीं, लेकिन प्रतीका रावल के चोटिल होने के बाद उन्हें नॉकआउट मैचों के लिए टीम में शामिल किया गया था। शेफाली के पहले ओवर और हरमनप्रीत का यह साहसिक फैसला हमेशा याद रखा जाएगा, क्योंकि इन्हीं दोनों चीजों ने मिलकर वर्ल्ड कप फाइनल की कहानी को पलट दिया।






