
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम (फोटो- सोशल मीडिया)
India vs South Africa 2nd Test Match: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में मेहमान टीम ने ऐसा स्कोर खड़ा कर दिया है, जिसे हासिल करना किसी भी टीम के लिए एक सपने जैसा ही होगा। चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम 27 रन पर दो विकेट गंवा चुकी थी और उसके सामने अब भी 522 रनों का लंबा पहाड़ खड़ा है। इस स्थिति ने मैच को लगभग एकतरफा बना दिया है।
टेस्ट क्रिकेट में पांचवें दिन बल्लेबाजी करना हमेशा चुनौती भरा रहा है। पिच टूटने लगती है, गेंद अनियमित उछाल लेने लगती है और स्पिनरों को मदद मिलना तय रहता है। ऐसे में बड़े लक्ष्य का पीछा करना लगभग असंभव हो जाता है। दिलचस्प बात यह है कि टेस्ट इतिहास में पांचवें दिन 400 से ज्यादा का लक्ष्य सिर्फ एक बार हासिल हुआ है।
साल 1948 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड द्वारा दिए गए 404 रन के टारगेट को तीन विकेट खोकर चेज कर इतिहास रच दिया था। इसके बाद से अब तक कोई टीम आखिरी दिन 400 रनों की दहलीज भी पार नहीं कर सकी है। यही वजह है कि 500+ का लक्ष्य भारत के लिए किसी अविश्वसनीय उपलब्धि जैसा लगता है।
साउथ अफ्रीका ने आखिर में 549 रनों का विशाल टोटल खड़ा करके पारी घोषित कर दी थी। इसके जवाब में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और दोनों ओपनर यशस्वी जायसवाल व केएल राहुल जल्दी आउट हो गए। अब कुलदीप यादव और साई सुदर्शन क्रीज पर हैं, लेकिन टीम को जीत के लिए अभी भी 522 रन और चाहिए।
यह टारगेट न सिर्फ मुश्किल है बल्कि उस विश्व रिकॉर्ड से भी 100 रन ज्यादा, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 76 साल पहले बनाया था। आखिरी दिन इतनी लंबी पारी खेलने के लिए सिर्फ बल्लेबाजी नहीं, बल्कि किस्मत और परिस्थितियों का भी साथ चाहिए।
ये भी पढ़ें: गौतम गंभीर की बातों पर श्रीकांत का पलटवार! कहा- कप्तान और सेलेक्टर रहा हूं, मुझे कोई सीख न दें
परिस्थिति को देखते हुए इस मुकाबले में अब दो ही नतीजे दिखते हैं। इस मैच में या तो भारत हार जाएगा, या फिर मैच ड्रॉ होगा। हालांकि मैच ड्रॉ कराने के लिए भी टीम इंडिया को पूरे दिन विकेट बचाकर खेलना होगा, जो गुवाहाटी की पिच पर आसान बिल्कुल नहीं होगा। सलामी बल्लेबाज लौट चुके हैं और बाकी बल्लेबाजों पर दबाव कई गुना बढ़ गया है। आखिरी दिन स्पिनरों को और ज्यादा मदद मिलेगी, जिससे हालात भारत के लिए और कठिन बनेंगे। पिच की स्थिति, लक्ष्य का आकार और टीम का मौजूदा फॉर्म तीनों संकेत यही देते हैं कि भारत का बच पाना भी किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।






