महान स्पिनर पद्माकर शिवालकर का 84 साल की आयु में निधन, भारत के लिए खेलना का सपना रह गया अधूरा
Padmakar Shivalkar Death: क्रिकेट जगत के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनका सपना था कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलें लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक माने जाने वाले पद्माकर शिवलकर ने कुल 124 प्रथम श्रेणी मैचों में भाग लिया था। उन्होंने वर्ष 1961-62 से 1987-88 के बीच 19.69 के औसत से 589 विकेट लिए थे। उम्र संबंधी समस्याओं के कारण सोमवार यानी 3 मार्च 2025 को देर रात उनका निधन हो गया। वह 84 साल के थे।
पद्माकर शिवलकर के निधन की खबर सुनकर पूरे क्रिकेट जगत में शौक की लहर दौड़ गई है। जिसके लेकर रवि शास्त्री ने भी ट्वीट किया और लिखा कि पैडी शिवलकर के निधन के बारे में सुनकर वाकई दुख हुआ। एक अद्भुत, दयालु व्यक्ति, एक शानदार गेंदबाज और मेरे करियर के शुरुआती दिनों में एक बड़ी प्रेरणा। परिवार के प्रति संवेदनाएं और भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।’
उनके जाने का दुख मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने भी जताया। उन्होंने लिखा कि मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चा दिग्गज खो दिया है। पद्माकर शिवलकर सर का खेल में योगदान, खासकर अब तक के सबसे बेहतरीन स्पिनर में से एक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण, कौशल और प्रभाव अविश्वसनीय है। उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए एक क्षति है।
We are deeply saddened by the passing of Mr. Padmakar Shivalkar, a true legend of Mumbai cricket. His invaluable contributions, passion for the game, and inspiring legacy will always be remembered and cherished. Our heartfelt condolences to his family, friends, and the entire… pic.twitter.com/y07DlOOTPq — Mumbai Cricket Association (MCA) (@MumbaiCricAssoc) March 3, 2025
खेल की अन्य खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
बाएं हाथ के स्पिनर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा और भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में 11 बार 10 विकेट सहित 361 विकेट लिए। शिवलकर ने 12 लिस्ट ए मैच भी खेले और 16 विकेट लिए थे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा 2017 में सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी मिला था। क्रिकेट जगत में उनका योगदान हमेशा सराहा जाएगा।