
वैभव सूर्यवंशी और जितेश शर्मा (फोटो-सोशल मीडिया)
Asia Cup Rising Stars: एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के पहले सेमीफाइनल में भारत ए और बांग्लादेश ए के बीच खेले गए मुकाबले को क्रिकेट प्रेमी लंबे समय तक याद रखेंगे। दोहा के मैदान पर यह मैच शुरू से ही रोमांचक रहा और फैंस को हर ओवर में नाखून चबाने पर मजबूर किया। 40 ओवर की पारियों के बाद भी दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहा और निर्णायक स्थिति सुपर ओवर तक पहुंच गई।
बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 194 रन बनाए। भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए भी 6 विकेट पर 194 रन ही बनाए और मैच बराबरी पर समाप्त हुआ। इसके बाद सुपर ओवर में टीम मैनेजमेंट के फैसले ने भारतीय टीम का फाइनल का सपना चूर कर दिया।
सुपर ओवर में भारत को पहले बल्लेबाजी करनी थी। इस दौरान कप्तान जितेश शर्मा और रामनदीप सिंह को बल्लेबाजी के लिए उतारा गया, जबकि पावर हिटर वैभव सूर्यवंशी को मैदान में बैठे-बैठे ही मैच जीतने का मौका नहीं मिला। वैभव मैदान पर छटपटाते रहे, उनकी चेहरे की मायूसी साफ झलक रही थी, लेकिन कोच सुनील जोशी ने उन्हें बैटिंग के लिए नहीं भेजा।
Jitesh Sharma, what are you trying to do, brother? 😂😂😂😂😂 pic.twitter.com/8rVccagls7 — Pujara’s Kiki (@FlyingSlip_) November 21, 2025
पहली गेंद पर कप्तान जितेश क्लीन बोल्ड हो गए। इसके बाद तीसरे नंबर पर उतरे अशुतोष शर्मा भी पहली ही गेंद पर आउट हो गए। सुपर ओवर में कुल तीन बल्लेबाज खेलते हैं और दो विकेट गिरते ही टीम ऑलआउट हो जाती है। इस वजह से भारत का यह निर्णायक मौका अधूरा रह गया।
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बांग्लादेश को फाइनल में पहुंचने के लिए केवल 1 रन चाहिए था, जो वाइड के जरिए पूरा हुआ। इस हार ने टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों को हताशा में डाल दिया। खासकर वैभव सूर्यवंशी, जो सुपर ओवर में भारत के लिए जीत हासिल करने के लिए उतावले थे, उन्हें मौका नहीं मिलना बहुत निराशाजनक रहा।
इस मैच ने स्पष्ट कर दिया कि क्रिकेट में केवल प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि टीम मैनेजमेंट के फैसले भी जीत और हार तय करते हैं। भारत ए के खिलाड़ियों ने पूरे मैच में शानदार खेल दिखाया, लेकिन सुपर ओवर में उठाया गया रणनीतिक कदम टीम के फाइनल की राह में बाधा बन गया।






