योगी आदित्यनाथ और बीसीसीआई के पदाधिकारी (फोटो- सोशल मीडिया)
Yogi Adityanath talked about Indian Cricket: उत्तर प्रदेश देश जनसख्ंया के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है। इस राज्य में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रहे हैं। इस वक्त यूपी की कुल आबादी 24.63 करोड़ के आसपास है। ऐसे में यहां पर लोगों के बीच कई बातें या चीजों के लिए कंपीटिशन रहता है। वहीं,यदि क्रिकेट की बात करें तो देश के सबसे बड़े सूबे के मात्र एक घरेलू टीम है।
अब सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसी पर बात करते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एक नसीहत दे डाली है। उन्होंने अपने राज्य के हक में बात की है। जिससे की वहां के युवाओं को क्रिकेट में शामिल होने व इसके खेलने के लिए बड़ा मंच मिल सके। बता दें कि यूपी की टीम को घरेलू क्रिकेट में मजबूत टीम माना जाता है। यूपी ने अपना आखिरी रणजी खिताब साल 2005-06 में मोहम्मद कैप की अगुवाई में जीता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी टी20 लीग के मुकाबले में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूपी के खिलाड़ियों के अपने ही प्रदेश में क्रिकेट के लिए बड़ा मंच मिलना चाहिए। उनका मानना है कि यूपी सभी खेलों में बेहतरीन इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार कर रहा है। उन्होंने बीसीसीआई से अपील करते हुए कहा है कि 25 करोड़ लोगों के इस बड़े राज्य में सिर्फ एक घरेलू टीम है। यूपी से घरेलू क्रिकेट के लिए कम से कम चार टीमें होनी चाहिए। हमारा राज्य इस अवसर का असली हकदार है।
यूपी से भारतीय टीम के लिए कई खिलाड़ियों ने खेला है। वहीं, घरेलू क्रिकेट में इस राज्य के पार ज्यादा उपलब्धियां हासिल नहीं हैं। रणजी ने मात्र एक खिताब जीतने के बाद यूपी ने साल 2015-16 मे सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट को अपने नाम किया है। उस वक्त यूपी की कप्तान सुरेश रैना ने की थी। वहीं, मुकाबले में यूपी ने फाइनल में बड़ौदा को हराया था।
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रणजी के खिताब को अपने नाम करने वाले राज्य में गुजरात और महाराष्ट्र सबसे आगे हैं। इन दोनों टीमों के पास रणजी ट्रॉफी की 3-3 हैं। यदि बात करें गुजरात की तो उसके पास बडौदा औ सौराष्ट्र की घरेलू टीमें हैं। वहीं, महाराष्ट्र के पास मुंबई और विदर्भ क्रिकेट टीम है। वहीं, अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने प्रदेश के लिए 4 घरेलू टीमों की मांग कर दी है। अब देखना होगा कि बोर्ड उनकी मांग पर कब गौर फरमाता है।