
नई दिल्ली: भारतीय टीम को अगले महीन इंग्लैंड दौरे पर जाना है। उससे पहले टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वहीं कुछ दिन बाद विराट कोहली ने भी इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया था। दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के संन्यास लेने के बाद अब नए कप्तान चुनने के लिए बीसीसीआई को माथापेच्ची करनी पड़ रही है। हालांकि इस दौरान कप्तानी की रेस में सबसे आगे शुभमन गिल चल रहे हैं।
गुजरात टाइटंस के लिए शुभमन गिल ने पहली बार 2024 में कप्तानी संभाली थी। हार्दिक पांड्या के मुंबई इंडियंस में वापस जाने के बाद गिल को कप्तान बनाया गया था। जिसके बाद पिछले साल गुजरात का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। वहीं अब इस सीजन में गिल के नेतृत्व में गुजरात टाइटंस की टीम प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई कर गई है।
वहीं गिल की कप्तानी को देखते हुए गुजरात टाइटंस के सहायक कोच आशीष कपूर का मानना है कि वो एक ‘सोच-समझकर खेलने वाले क्रिकेटर’ हैं लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अगर उन्हें भारतीय टीम की कमान सौंपी जाती है तो वह टेस्ट प्रारूप में अपनी टी20 कप्तानी की सफलता को दोहरा पाएंगे या नहीं। मौजूदा सत्र में गुजरात टाइटंस को अपनी कप्तानी में आईपीएल प्लेऑफ में पहुंचाने वाले गिल को रोहित शर्मा के हाल ही में संन्यास लेने के बाद टेस्ट क्रिकेट में उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
रविवार रात मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कपूर ने कहा कि अगर आप शुभमन गिल को बल्लेबाज या मूल रूप से क्रिकेटर के तौर पर देखते हैं, वह सोच-समझकार काम करने वाला है या नहीं, मुझे लगता है कि वह अपने खेल के बारे में काफी सोच-समझकर काम करता है। मैंने उसे अंडर-16 के दिनों से देखा है। असल में मैंने उसके साथ एनसीए में दो शिविर किए हैं। उस समय भी उसने अपनी उम्र के कई अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपने दिमाग का बहुत अधिक उपयोग किया।
भारत 20 जून से लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला की शुरुआत करने को तैयार है और इस सप्ताह नए टेस्ट कप्तान की घोषणा होने की उम्मीद है। यह पूछे जाने पर कि अगर अवसर दिया जाता है तो गिल लाल गेंद के कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं, कपूर ने कहा कि सीमित अनुभव के आधार पर नेतृत्व क्षमताओं का आकलन करना मुश्किल है।
शुभमन गिल ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, टी20 क्रिकेट में ऐसा करने वाले भारत के…
भारत के इस पूर्व स्पिनर ने कहा कि मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं। हम उन्हें टी20 क्रिकेट में नेतृत्व करते हुए देख रहे हैं लेकिन जब धोनी को विश्व कप (2007 में) के लिए कप्तान बनाया गया था तब उन्होंने कहीं भी कप्तानी नहीं की थी। तब किसी को नहीं पता था कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक बन जाएगा।
कपूर ने कहा कि अगर आप उस समय किसी से पूछते – यहां तक कि खुद धोनी से भी – कि वह अपनी कप्तानी के बारे में क्या सोचते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता। किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले आपको एक खिलाड़ी को काफी समय तक देखना होता है। शुभमन ने अभी शुरुआत भी नहीं की है इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है।






