विराट कोहली, रोहित शर्मा (Image- Social Media)
Indian Cricket Team Jersey Sponsorship: भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर जगह मिलना किसी भी कंपनी के लिए गर्व की बात होती है। लेकिन अजीब इत्तेफाक की बात यह है कि 21वीं सदी में जिन कंपनियों ने भी टीम इंडिया की जर्सी की मुख्य स्पॉनशरशिप हासिल की, वो किसी कानूनी या फिर वित्तीय विवाद में जरूर फंसीं। साथ ही वो कंपनी अर्श से फर्श पर भी आ गई।
अब इस लिस्ट में नया नाम ड्रीम11 का जुड़ गया है। ऑनलाइन गेमिंग बिल के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद ड्रीम11 भी अपना बोरिया बिस्तर समेटने में लग गया है।
21 अगस्त (गुरुवार) को प्रमोशन एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 राज्यसभा से भी पास हो गया। लोकसभा में ये बिल पहले ही पास हो चुका है, ऐसे में अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस बिल में साफ किया गया है कि कोई भी गेमिंग ऐप जिसमें पैसे का लेन-देन होता हो, उस पर बैन लगेगा। इसमें किस्मत आधारित तथा स्किल आधारित गेम भी शामिल हैं।
बता दें कि ड्रीम11 भी स्किल-बेस्ड कैटेगरी में आता है। ऐसे में बिल के कानून बनते ही ड्रीम11 के मौजूदा ऑपरेशन्स भारत में पूरे तरीके से बंद हो जाएंगे। ड्रीम11 से पहले बायजू, ओप्पो, स्टार इंडिया तथा सहारा ने बीसीसीआई के साथ करार किया था, लेकिन ये सभी मुश्किलों में फंसके चले गए…
सहारा (2001-2013): सबसे पहले सहारा की बात करते हैं, भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर सबसे लंबे वक्त तक अगर किसी ब्रांड का नाम जुड़ा रहा, तो वो था सहारा ग्रुप। सहारा भारतीय टीम की जर्सी का मुख्य स्पॉन्सर 12 सालों तक रहा। इस दौरान भारतीय टीम को 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल में हार मिली, वहीं टी20 वर्ल्ड 2007 और वनडे वर्ल्ड कप 2011 की वो विजेता बनी। टीम इंडिया के साथ इतनी लंबी साझेदारी के बाद भी सहारा का कारोबार धीरे-धीरे डगमगाने लगा।
ऑफिशियल टीम जर्सी में भारतीय खिलाड़ी (Image- Social Media)
सहारा ग्रुप ने अपने दो हाउसिंग बॉन्ड्स के माध्यम से निवेशकों से करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। हालांकि SEBI का मानना था कि ये पैसा गलत तरीके से और नियमों का उल्लंघन करते हुए जुटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सहारा को ये पूरा पैसा निवेशकों को वापस करने का आदेश दिया। साथ ही इसे SEBI के पास जमा करने के लिए कहा। सहारा ने कोर्ट के आदेशों का पालन ठीक से नहीं किया, इसके बाद 2014 में ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।
स्टार इंडिया (2014–2017): सहारा के बाद BCCI ने स्टार इंडिया के साथ डील की। 2014-17 का वह दौर विराट कोहली तथा रोहित शर्मा के लिए बहुत खास था और उन्होंने इस दौरान रनों का अंबार लगाया। हालांकि, इसी बीच स्टार इंडिया की मुश्किलें भी बढ़ती गईं। वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाली कंपनी पर मार्केट डॉमिनेंस के दुरुपयोग का आरोप लगा। आगे चलकर कंपनी की पकड़ कमजोर होती गई और जियो के साथ मर्जर के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऑफिशियल टीम जर्सी में भारतीय खिलाड़ी (Image- Social Media)
ओप्पो (2017–2020): चीन की कंपनी ओप्पो ने बीसीसीआई के साथ 1079 करोड़ रुपये की बड़ी रकम का सौदा किया, जो पांच सालों के लिए था। हालांकि ओप्पो को उम्मीद के अनुसार फायदा नहीं हुआ और स्पॉन्सरशिप का खर्च कंपनी को भारी पड़ा। इस दौरान Nokia और InterDigital के साथ पेटेंट विवाद से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गईं। नतीजा यह हुआ कि ओप्पो ने यह सौदा बीच में ही तोड़ दिया।
ऑफिशियल टीम जर्सी में भारतीय खिलाड़ी (Image- Social Media)
बायजू (2020-22): साल 2020 में टीम इंडिया की जर्सी के मुख्य स्पॉन्सर के तौर पर ओप्पो की जगह एजुकेशन कंपनी बायजू ने ली। लेकिन जल्द ही कंपनी अर्श से फर्श पर आ गई और इसकी वेल्यू 2022 तक 22 अरब डॉलर डॉलर थी और बाद में शून्य हो गई। कंपनी के पास बीसीसीआई को भुगतान करने के तक के पर्याप्त पैसे नहीं थे।
ऑफिशियल टीम जर्सी में भारतीय खिलाड़ी (Image- Social Media)
ड्रीम11 (2023 से अब तक): इन सब के बाद ड्रीम11 ने साल 2023 में 3 सालों के लिए टीम इंडिया की किट के लिए स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल किए। BCCI के साथ ड्रीम 11 की यह डील 358 करोड़ रुपये में हुई। शुरुआत में इसको एक बेहतरीन डील माना गया क्योंकि ड्रीम11 फैंटेसी गेम के लिए पॉपुलर था और क्रिकेट से उसका सीधा कनेक्शन भी था।
ऑफिशियल टीम जर्सी में भारतीय खिलाड़ी (Image- Social Media)
इसके बाद 2021–22 में ड्रीम11 पर 1200 करोड़ रुपये की GST टैक्स चोरी का आरोप लगा और इससे ड्रीम11 की छवि और भरोसे पर असर पड़ा। अब नया ऑनलाइन गेमिंग बिल तो ड्रीम11 के बिजनेस मॉडल पर सीधा प्रहार है।
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