
मुल्तान में तिहरा शतक लगाने के बाद वीरेन्द्र सहवाग (सोर्स-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग आज यानी रविवार 20 अक्टूबर को अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। दुनियाभर से फैंस और क्रिकेटर इस दिग्गज खिलाड़ी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहे हैं। नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग की गिनती दुनिया के सबसे आक्रामक सलामी बल्लेबाजों में होती है। कहा जा सकता है कि उन्होंने निडर होकर टेस्ट क्रिकेट खेलना सिखाया। नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग कैसे मुल्तान के सुल्तान बने, इसकी कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है।
वीरेंद्र सहवाग ने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेली हैं, लेकिन मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उनकी 309 रनों की पारी खास मायने रखती है। इस तिहरे शतक ने सहवाग को ‘मुल्तान का सुल्तान’ बना दिया। इसके साथ ही उन्होंने वनडे स्टाइल में टेस्ट क्रिकेट खेलने की अपनी छवि से पूरी दुनिया को रूबरू कराया। सहवाग ने वह तिहरा शतक साल 2004 में लगाया था, जब भारतीय टीम तीन टेस्ट और पांच वनडे मैचों के लिए पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर गई थी।
इस दौरे की शुरुआत मुल्तान से हुई थी। जहां टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला गया था। उस मैच में सौरव गांगुली की गैरमौजूदगी में कार्यवाहक कप्तान राहुल द्रविड़ ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पहले दिन ही 228 रन बनाए। भारतीय पारी की शुरुआत काफी अच्छी रही और सहवाग ने आकाश चोपड़ा के साथ मिलकर 40 ओवर में ही 160 रनों की साझेदारी कर ली। हालांकि इस साझेदारी में आकाश चोपड़ा का योगदान सिर्फ 42 रनों का था> आकाश चोपड़ा के आउट होने तक सहवाग अपना शतक पूरा कर चुके थे।
सहवाग ने शोएब अख्तर की गेंद पर छक्का लगाकर अपना शतक पूरा किया था। आकाश चोपड़ा के बाद राहुल द्रविड़ क्रीज पर आए, लेकिन वे कुछ खास नहीं कर सके और 6 रन के स्कोर पर मोहम्मद समी का शिकार बन गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर और सहवाग ने मिलकर पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया। दोनों खिलाड़ियों ने पाकिस्तान को कोई मौका नहीं दिया और खूब रन बनाए। पहले दिन का खेल जब खत्म हुआ तो भारत का स्कोर 2 विकेट पर 356 रन था। इनमें से 228 रन सहवाग के बल्ले से निकले।
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मैच के दूसरे दिन सहवाग से तिहरे शतक की उम्मीद थी और उन्होंने बिल्कुल भी निराश नहीं किया। लंच के कुछ देर बाद ही सहवाग ने सकलैन मुश्ताक की गेंद पर छक्का लगाकर अपना तिहरा शतक पूरा किया। इसके साथ ही सहवाग टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए। सहवाग ने यह उपलब्धि महज 364 गेंदों का सामना करके हासिल की जिसमें 38 चौके और छह छक्के शामिल थे। सहवाग तिहरा शतक लगाने के कुछ देर बाद ही मैदान से चले गए, लेकिन तब तक वे इतिहास रच चुके थे और मुल्तान के सुल्तान बन चुके थे।
वीरेंद्र सहवाग ने अपनी ताबड़तोड़ बैटिंग और तिहरे शतक से पाकिस्तानी फैंस को अपना मुरीद बना लिया। वहीं, दूसरी तरफ सकलैन मुश्ताक के लिए वह टेस्ट मैच एक बुरा सपना बनकर रह गया। सकलैन ने उस मैच में कुल 43 ओवर्स फेंके थे। इन ओवरों में उन्होंने 204 रन खर्च कर दिए थे। इस मैच के बात पाकिस्तान के दिग्गज स्पिनर सकलैन मुस्ताक दोबारा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए।
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