असदुद्दीन ओवैसी और विराट कोहली (फोटो-सोशल मीडिया)
हैदराबाद: हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विराट कोहली के संन्यास के बाद हमें उसके कवर ड्राइव की कमी खलेगी। विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने ये फैसला इंग्लैंड दौरे से पहले लिया। इसको लेकर ओवैसी ने कहा कि कोहली जैसे और भी खिलाड़ी आएंगे। भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता ओवैसी ने विराट कोहली की जमकर तारीफ की जिन्होंने इस सप्ताह टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोहली जबरदस्त खिलाड़ी है। हमें उसके कवर ड्राइव की कमी खलेगी। जिस तरह से वह गेंदबाज के सिर के ऊपर से गेंद को मारता था, वह कमाल का था! वो शानदार खिलाड़ी है। जबरदस्त खिलाड़ी है। उसके बाद उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। कोहली जैसे कई और भी खिलाड़ी आएंगे।
उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि आज भारतीय क्रिकेट ने खेल को लोकतांत्रिक बना दिया है और सभी तरह की पृष्ठभूमि के खिलाड़ियों को शीर्ष पर पहुंचने का मौका दिया है। उन्होंने तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का हवाला दिया लेकिन इस खेल को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि आज मोहम्मद सिराज को देखिए। माशाअल्लाह। गरीब पृष्ठभूमि से आया एक लड़का। कड़ी मेहनत से वह आगे बढ़ा और 100 टेस्ट विकेट लिए। शानदार यात्रा। प्रेरणादायी! मुझे उम्मीद है कि वह भारत के लिए खूब खेलेगा और भारत को कई जीत दिलाएगा।
इससे पहले ओवैसी ने अपने खेल की दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वो 90 के दशक में मध्यम गति से गेंदबाजी करते हुए इंटर विश्वविद्यालय फाइनल मैच में उन्होंने वेंकटेश प्रसाद ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था। उन्होंने बताया कि उस मुकाबले में वो 79 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे। जबकि वेंकटेश प्रसाद एक विकेट भी नहीं ले पाए थे।
हालांकि प्रसाद की बेंगलोर विश्वविद्यालय की टीम ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी को हरा दिया था। उन्होंने कहा कि हम मैच हार गए लेकिन मुझे छह विकेट मिले थे और वेंकटेश को एक भी विकेट नहीं मिला था। ओवैसी से उस मैच से जुड़े ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ के लेख की फोटो को अपने फोन में गर्व से दिखाया। इसमें दिन के खेल के बाद का स्कोरकार्ड भी था। उन्हें इसके बाद दक्षिण क्षेत्र अंडर-25 टीम के लिए चुना गया और 1994 में विश्वविद्यालय टीमों के लिए राष्ट्रीय स्तर के एक दिवसीय टूर्नामेंट विज्जी ट्रॉफी में वह खेले थे।
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इसके बाद वो लॉ की पढ़ाई करने लंदन चले गए थे और क्रिकेट पीछे छूट गया। यह अध्याय यहीं खत्म हो गया। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि अगर वो क्रिकेट खेलते रहते तो शायद की इतना लोकप्रिय होते। हैदराबाद के लिए खेलते हुए मोहम्मद अजहरुद्दीन, आबिद अली, एम.एल. जयसिम्हा, गुलाम हुसैन और वीवीएस लक्ष्मण ने बहुत नाम किया था। ये सभी महान किलाड़ी है और मैं बस एक औसत दर्जे का गेंदबाज था।