आज का निशानेबाज (सौ.सोशल मीडिया)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने पदग्रहण समारोह वाले भाषण में कहा था कि हमारे पैरों के नीचे पिघला हुआ सोना है। अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा तेल और प्राकृतिक गैस का भंडार है इसकी बदौलत हम अमेरिका को फिर से समृद्ध राष्ट्र बनाएंगे. उन्होंने नारा दिया- ड्रिल बेबी ड्रिल. इसका मतलब है- चलो बेटा भिड़ जाओ, लगातार खोदते चले जाओ।’
हमने कहा, ‘ट्रम्प ने हिंदी कहावत नहीं सुनी होगी- खोदा पहाड़ निकली चुहिया! अमेरिका में पहले ही कम लागत वाले तेल कुओं व गैसफील्ड से काफी तेल व गैस निकाले जा चुके हैं. अब यदि नई खुदाई होती है और तेल मिलता है तो उसकी लागत 84 डॉलर प्रति बैरल आएगी जबकि वर्तमान लागत 75 डालर प्रति बैरल है. ट्रम्प चाहते हैं कि तेल कीमतें गिरकर 50 डॉलर प्रति बैरल पर आ जाएं जो कि संभव नहीं है. दक्षिण अमेरिका देश वेनजुएला में पानी से भी सस्ता प्राकृतिक तेल या क्रूड आइल है लेकिन वहां खाने-पीने का टोटा है. इसलिए कच्चे तेल के भंडार के बावजूद वेनेजुएला गरीब है।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, सबसे बड़ी बात तो यह है कि ट्रम्प अनजाने में अपने निकट सहयोगी एलन मस्क के पेट पर लात मारने का काम कर रहे हैं क्योंकि मस्क टेस्ला जैसी इले्ट्रिरक कार का निर्माण करते हैं. ट्रम्प खुदाई के जरिए पेट्रोल-डीजल का उत्पादन बढ़ाकर मस्क का धंधा चौपट कर देंगे. दुनिया ई-व्हीकल की ओर जा रही है जो पर्यावरण के अनुकूल या ईको फ्रेंडली हैं. ट्रम्प का ड्रिल बेबी ड्रिल विपरीत दिशा में जानेवाला कदम है जो पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाएगा।’
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हमने कहा, ‘दूसरी बात यह भी है कि सऊदी अरब का क्रूड आइल अभी भी अमेरिका के तेल की तुलना में सस्ता है. पेट्रोलियम कंपनियों को तेल क्षेत्र (आइल फील्ड) की खोज करने और उसके लिए आधारभूत ढांचा या प्लेटफार्म बनाने में 4 वर्ष से ज्यादा का समय लगता है. इसलिए ट्रम्प के कार्यकाल में यह काम पूरा नहीं हो पाएगा. अगला राष्ट्रपति इसमें दिलचस्पी लेगा या नहीं किसे मालूम. इसे देखते हुए कह सकते हैं कि ट्रम्प का नारा बेअसर है. न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी!’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा