थलसेना के 40,000 अग्निवीरों के 2 समूहों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया और अब उनकी तैनाती चल रही है। 20,000 अग्निवीरों के तीसरे समूह का प्रशिक्षण नवंबर 2023 से जारी है। नौसेना में 7,385 तथा वायुसेना में 4,955 अग्निवीरों की ट्रेनिंग पूर्ण हो चुकी है। जब से अग्निवीर योजना शुरू हुई है, इसे लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में काफी बहस हुई है। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर इस योजना को खत्म करने की बात कही है।
कुछ सप्ताह पूर्व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यदि जरूरत हो तो सरकार अग्निवीर योजना में संशोधन के लिए तैयार है तथा अग्निवीर बननेवाले युवकों के भविष्य पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। अग्निवीर योजना जून 2022 में शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत 4 वर्ष बाद 25 प्रतिशत अग्निवीर अपनी योग्यता और संगठन की जरूरतों के अनुसार सेना में नियमित आधार पर भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सेना ने अग्निवीर योजना को लेकर आंतरिक सर्वे शुरू किया है तथा योजना में संभावित परिवर्तन को लेकर वह अगली सरकार के लिए सिफारिशें तैयार करेगी। अग्निवीरों तथा उनके भर्ती करनेवाले व ट्रेनिंग स्टाफ को प्रश्नतालिका भेज कर 10 सवाल किए जाएंगे। अग्निवीरों से पूछा जाएगा कि 4 वर्षों बाद वे सेना में रहना चाहेंगे या अर्धसैनिक बल या अन्य क्षेत्र में काम करना चाहेंगे? ट्रेनिंग स्टाफ से पूछा जाएगा कि अग्निवीरों और इस योजना के पहले भर्ती किए गए सेना के जवानों के कामकाज में कितना अंतर है। सेना के नियमित जवानों और अग्निवीरों के शारीरिक मानदंडो में कितना अंतर है।