टीम इंडिया (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: बहुत कुछ पहली बार हुआ। भारत ने 1932 से आरंभ हुए अपने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में तीन टेस्टों की गृह श्रृंखला कभी 0-3 से नहीं हारी थी; न्यूजीलैंड ने इसी अंतर से सूपड़ा साफ कर दिया। पिछली 18 घरेलू श्रृंखलाओं में अजेय रहने वाला भारत कभी अपने घर में न्यूजीलैंड से श्रृंखला नहीं हारा था बल्कि न्यूजीलैंड ने इस दौरे से पहले भारतीय मैदानों में सिर्फ दो टेस्ट ही जीते थे और उसकी अंतिम जीत 1988 में आई थी।
भारतीय टीम इंग्लैंड में 42 रन पर (लॉर्ड्स 20 जून 1974) और ऑस्ट्रेलिया में 36 रन पर (एडिलेड 17 दिसम्बर 2020) अवश्य आल आउट हुई थी, लेकिन अपनी धरती पर उसकी एक पारी कभी 50 रन के भीतर नहीं सिमटी थी। न्यूनतम स्कोर वेस्टइंडीज के विरुद्ध दिल्ली में 25 नवम्बर 1987 को 75 रन रहा था, लेकिन बेंगलुरु में 16 अक्टूबर 2024 को न्यूजीलैंड ने उसे मात्र 46 रन पर समेट दिया।
मोहाली (1999) में न्यूजीलैंड ने भारत के पहले 5 विकेट मात्र 50 गेंदों में आउट कर दिए थे, लेकिन 3 नवम्बर 2024 को मुंबई में यह काम करने के लिए उसे सिर्फ 43 गेंदों की जरूरत पड़ी। यह भी पहली बार हुआ कि भारत के दो श्रेष्ठ बैटर्स रोहित शर्मा (91 रन, 15।16 औसत) और विराट कोहली (93 रन, 15.50 औसत) का सीरीज में औसत 16 से कम रहा। बतौर कप्तान रोहित शर्मा ने एक गृह सत्र में मात्र 13।30 की औसत से बल्लेबाजी की।
शर्मनाक है कि रोहित शर्मा के लड़के स्पिन के उसी जाल में फंसकर पराजित हुए, जिससे अन्य टीमों को परास्त करते आ रहे थे और वह भी ऐसे दो गेंदबाजों से जिनमें से एक (मिचेल सेंटनर) वाइट बॉल स्पेशलिस्ट है और दूसरा (एजाज पटेल) सिर्फ मुंबई में अपनी गेंदों से जादू करता है।
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अब से पहले सेंटनर ने कभी टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 5 विकेट नहीं लिए थे, लेकिन पुणे में उन्होंने पहली पारी में 7 और दूसरी में 6 विकेट लिए यानी मैच में कुल 13 विकेट लिए। एजाज पटेल जब पिछली बार मुंबई में खेले थे, तो वह एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले संसार के तीसरे गेंदबाज (इंग्लैंड के जिम लेकर व भारत के अनिल कुंबले के बाद) बने थे।
मुंबई में उन्होंने मैच में 11 विकेट लिए और भारत को दूसरी पारी में जीत के लिए आवश्यक 147 रन नहीं बनाने दिए। इस तरह पटेल ने भारत के एक ही वेन्यू पर किसी विदेशी गेंदबाज द्वारा सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। उनके मुंबई में अब 25 विकेट हो गए हैं, जबकि इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के इयान बोथम का था जिन्होंने मुंबई ही में 22 विकेट लिए थे।
बेंगलुरु में जब न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने भारत को मात्र 46 रन पर आउट कर दिया था तो अगले दो टेस्टों (पुणे व मुंबई) में भारत ने अत्यधिक स्पिन लेती पिच तैयार कीं, लेकिन वो पासा भी उल्टा ही पड़ गया। अजीब समस्या है कि न तेज गेंदबाजी खेली जा रही है और न स्पिन। ऐसे में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप्स (डब्लूटीसी) के फाइनल की बर्थ दांव पर लगी हुई है, जोकि 2025 में लॉर्ड्स, इंग्लैंड में खेला जायेगा।
डब्लूटीसी के अभी तक हुए दो फाइनल मुकाबलों में भारत रनर्स-अप रहा है कि पहले वह न्यूजीलैंड से हार गया था और फिर ऑस्ट्रेलिया से। अब न्यूजीलैंड से श्रृंखला 0-3 से हारने के बाद भारत ने लॉर्ड्स तक पहुंचने का मार्ग अपने लिए बेहद कठिन कर लिया है।
न्यूजीलैंड से शर्मनाक हार के बावजूद भारत के कोच गौतम गंभीर का कहना है, ‘मैं नहीं समझता कि स्पिन के विरुद्ध हमारे कौशल में कोई कमी आयी है। ड्रेसिंग रूम में हमारे पास खिलाड़ी हैं जो दो दिन तक बल्लेबाजी कर सकते हैं।’ जबकि भारत के कप्तान रोहित शर्मा का कहना है, ‘12 साल में एक बार तो हारना अलाउड है यार।’
यह हाल जब घर पर है तो ऑस्ट्रेलिया में क्या होगा, जिसके पास इस समय दुनिया का सबसे अच्छा तेज गेंदबाजी अटैक है और नॉथन लायन के रूप में दिग्गज स्पिन गेंदबाज।
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कड़वा सच यह है कि हमारे दिग्गज खिलाड़ियों की अब उम्र हो गई है, वह फॉर्म में नहीं हैं, आत्मविश्वास भी कम है और टीम बदलाव के फेज में है। ऑस्ट्रेलिया एक ऐसी जगह है, जहां खिलाड़ियों का करिअर बनता भी है और उस पर विराम भी लग जाता है। भारत की ए टीम फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में है, जहां बी साई सुदर्शन ने शानदार शतक लगाया है।
साई को सीनियर टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भेज देना चाहिए। अगर यशस्वी जायसवाल या अभिमन्यु ईश्वरन चोटिल हो जाते हैं या रोहित शर्मा की फॉर्म नहीं लौटती है, तो वह उनकी जगह ले लें। इसी तरह मुकेश कुमार मुहम्मद शमी के विकल्प तो नहीं हैं, लेकिन फर्स्ट-चेंज का अच्छा आप्शन हैं। स्पिन में तनुष कोटियन, शम्स मुलानी व मानव साथर भी अपनी बारी की प्रतीक्षा में हैं। चयनकर्ताओं को कुछ साहसिक फैसले लेने होंगे, तभी गिरती हुई दीवार की मरम्मत हो सकेगी।
लेख- कुंवर चांद खां द्वारा