नवी मुंबई एयरपोर्ट (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन हो रहा है।यह हवाई अड्डा प्रधानमंत्री मोदी की ‘विकसित भारत 2047’ की संकल्पना को साकार करने वाला साबित होगा और महाराष्ट्र के आर्थिक, औद्योगिक तथा शैक्षणिक विकास को नए पंख देगा।यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए इस हवाई अड्डे से मुंबई महानगर क्षेत्र, नवी मुंबई, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ तथा पूरे पश्चिम महाराष्ट्र को बड़ा फायदा होगा।
नवी मुंबई हवाई अड्डा महाराष्ट्र की प्रगति का एक नया चरण शुरू कर रहा है।इससे मुंबई-ठाणे-रायगढ़ महानगर क्षेत्र को नई आर्थिक ऊर्जा और गति प्राप्त होगी।हवाई अड्डे के कारण उद्योग, व्यापार, निवेश, पर्यटन, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में जबरदस्त वृद्धि की उम्मीद है।सिडको द्वारा हवाई अड्डे के आसपास विकसित की जा रही आर्थिक कॉरिडोर पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, सातारा, कोल्हापुर और सांगली तक फैलेगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस हवाई अड्डे को विकास का प्रवेशद्वार बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने आधारभूत संरचना परिवहन नेटवर्क, रेलवे कनेक्टिविटी और सड़क विकास पर एक व्यापक योजना तैयार की है।फडणवीस का मानना है कि यह हवाई अड्डा निवेश और रोजगार का प्रमुख केंद्र बनेगा और नवी मुंबई को ‘पश्चिम भारत का ग्रोथ पावरहाउस’ बनाया जाएगा।हवाई अड्डा, ट्रांस हार्बर लिंक, मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे, मेट्रो परियोजनाएं और कोस्टल रोड-इन सभी का समन्वय अगले दशक में महाराष्ट्र को देश का सर्वाधिक प्रगतिशील राज्य बनाने में मदद करेगा।
नवी मुंबई शहर एक योजनाबद्ध और आधुनिक मॉडल के रूप में विकसित हुआ है, जहां विस्तृत सड़कों, आईटी पार्क, औद्योगिक क्षेत्रों और शिक्षण संस्थानों का संगम देखने को मिलता है।हवाई अड्डे के निर्माण से नवी मुंबई को ‘ग्लोबल बिजनेस हब’ बनने की दिशा मिलेगी।हवाई अड्डे के आसपास विकसित होने वाले एज्यु-सिटी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्र, वित्तीय सेवा केंद्र, लॉजिस्टिक्स पार्क और टेक्नोलॉजी हब इस शहर की अंतरराष्ट्रीय पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
वधावन बंदरगाह, जो देश का एक अत्याधुनिक गहरे समुद्र का बंदरगाह है, को नवी मुंबई हवाई अड्डे से बड़ी मदद मिलेगी।इससे मालवाहक परिवहन, निर्यात-आयात, समुद्री और हवाई यातायात का समन्वित विकास संभव होगा।बंदरगाह, जेएनपीटी और हवाई अड्डे का यह त्रिसंयोजन महाराष्ट्र को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करेगा, जिससे व्यापारिक खर्च कम होगा और वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
नवी मुंबई में शिक्षा नगरी विकसित करने की योजना है।हवाई अड्डा शुरू होने के बाद यहां अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान और नई तकनीक आधारित शिक्षा केंद्र स्थापित होंगे।छात्रों को विश्व स्तरीय सुविधाएं, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और उद्योगों से सीधा संवाद मिलेगा। पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और पश्चिम महाराष्ट्र को वरदानः नवी मुंबई हवाई अड्डा केवल मुंबई-रायगढ़ क्षेत्र के लिए नहीं, बल्कि पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और पश्चिम महाराष्ट्र के लिए भी एक बड़ा वरदान साबित होगा।मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे, ट्रांस हार्बर लिंक और आगामी मुंबई-पुणे हाई-स्पीड रेल परियोजना के जरिए यात्रियों और व्यवसायियों को सीधा संपर्क मिलेगा।औद्योगिक पट्टियों को निर्यात और आयात में आसानी होगी।
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नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा महाराष्ट्र के भविष्य का स्वर्णिम अध्याय है।यह परियोजना केवल उड़ान का केंद्र नहीं, बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास की शुरुआत है।मुंबई से कोंकण, पुणे से सातारा और नागपुर तक इस हवाई अड्डे के सकारात्मक प्रभाव दिखाई देंगे।भारत की प्रगति के मानचित्र पर महाराष्ट्र को और अधिक चमकदार बनाने के लिए यह परियोजना नए युग की आधारशिला साबित होगी।
लेख- नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल के द्वारा