आज का निशानेबाज (सौ.डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, किसी ऊंची बिल्डिंग की लिफ्ट में घुसते समय आपने वहां सूचना देखी होगी- सिर्फ 6 व्यक्तियों के लिए! लेकिन यदि उसमें पहलवान टाइप के 5 लोग भी घुस गए तो काफी वजन हो जाएगा जो लिफ्ट की सेहत के लिए ठीक नहीं है.’ हमने कहा, ‘लिफ्ट की बात छोड़िए, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने अपने 5 स्टेशनों की सीढि़यों पर कैलोरी काउंटर लगाए हैं इसमें यात्रियों को संदेश है कि सीढ़ी चढ़ो और कैलोरी जलाओ।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, हम समझते हैं कि हिंदी में कैलोरी का अर्थ उष्मांक होता है. शरीर तब स्वस्थ रहता है जब हम जितना पचा सकें उतना ही खाएं. बच्चों और खिलाड़ियों को ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता पड़ती है लेकिन कुर्सी या गद्दी पर बैठकर काम करनेवालों को अपनी खुराक सीमित रखनी चाहिए. ज्यादा खाएंगे तो मोटापा बढ़ेगा और लोग पूछेंगे- क्यों भाई, किस चक्की का आटा खाते हो? डाक्टर भी बीएमआई इंडेक्स के बारे में बताते हैं कि किस ऊंचाईवाले व्यक्ति की कमर का नाप कितना रहना चाहिए. जहां तोंद बढ़ी या पेट बाहर निकला तो इंसान को ब्लडप्रेशर या डायबिटीज जैसी बीमारियां घेर लेती हैं।’
हमने कहा, ‘एक जमाना था जब दुबले-पतले लोगों का मजाक उड़ाते हुए कहा जाता था- इतने कमजोर क्यों हो? क्या ठीक से खाते-पीते नहीं. तब मोटे आदमी के बारे में कहा जाता था कि तगड़ा है, खाते-पीते घर का है. आज डॉक्टर कहते हैं कि मोटापा बीमारियों की जड़ है. लोग वजन कम करने की दवाइयां खाते हैं, जिम जाकर एक्सरसाइज करते हैं. कुछ मोटे लोग तो ज्यादा वजन के कारण गिल्टी फील करते हैं या अपराध बोध से ग्रसित रहते हैं।
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यह जरूरी नहीं है कि हेल्दी बेबी प्रतियोगिता में मोटा बच्चा चुना जाए. अब कहा जाने लगा है कि हेल्दी खाओ और हेल्दी रहो. जंक फूड से बचो और पोषण देनेवाला संतुलित भोजन करो. इतने पर भी मोटा होना जीन्स पर भी निर्भर रहता है. किसी परिवार में सभी लोग खानदानी तौर पर मोटे पाए जाते हैं।’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा