
भुने जीरे के फायदे (सौ. फ्रीपिक)
Roasted Cumin Powder Benefits: भारत की हर रसोई में मिलने वाला सबसे अहम मसाला जीरा सिर्फ स्वाद बढ़ाने का काम नहीं करता है। बल्कि यह सेहत का असली खजाना माना जाता है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि कच्चा जीरा जितना फायदेमंद है उससे दोगुना फायदेमंद भुना जीरा होता है। इससे पाचन, खून, वजन और हार्मोनल संतुलित रहता है अगर इसे सही तरीके से लिया जाए।
आयुर्वेद में जीरे को पाचन अग्नि बढ़ाने वाला और वात-कफ दूर करने वाला बताया गया है। चरक संहिता कहता है जीरकं दीपनं श्रेष्ठं यानी यह श्रेष्ठ पाचक है।
जीरे में कमिनाल्डिहाइड, थाइमॉल, टेरपिन जैसे तत्वों के साथ आयरन, मैग्नीशियम और भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये पाचन सुधारने के अलावा गैस और सूजन कम करते हैं। साथ ही मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
महिलाओं के लिए जीरा आयरन का अच्छा स्रोत है जो हीमोग्लोबिन बढ़ाता है और स्तनपान के दौरान दूध की गुणवत्ता सुधारता है। इसके अलावा जीरा पानी वजन घटाने और डिटॉक्स के लिए रामबाण है। रात में एक चम्मच जीरा भिगो दें और सुबह उबालकर गुनगुना पीएं।

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भुना जीरा पाउडर पाचन के लिए बेहतरीन है। भुना जीरा चूर्ण बनाकर भोजन के बाद चुटकी भर लें। यह गैस, खट्टी डकार और पेट दर्द में तुरंत आराम देता है। भूनने से इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण और बढ़ जाते हैं। जीरा, सौंफ और धनिया बराबर मात्रा में उबालकर पानी पीएं। यह हार्मोन बैलेंस करता है, पीरियड्स की समस्या और पेशाब के दौरान होने वाली जलन में फायदेमंद है।
आप चाहें तो छाछ में भुना जीरा और सेंधा नमक, काला नमक मिलाकर पीने से आंतें साफ होती हैं कब्ज में राहत मिलती है। भुना जीरा पाचन अग्नि को सक्रिय करता है बिना एसिडिटी बढ़ाए। यह गैस बाहर निकालता है दस्त रोकता है और कब्ज दूर करता है।
जीरा सिर्फ तड़का नहीं बल्कि पाचन, खून, वजन और हार्मोन का प्राकृतिक रक्षक है। भुना जीरा फायदेमंद है जिसे दिनचर्या में शामिल कर स्वस्थ रहा जा सकता है। हालांकि कुछ सावधानी भी जरूरी है। दिन में एक या दो चम्मच से ज्यादा न लें वरना पेट में जलन हो सकती है। गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें। डायबिटीज में सहायक है लेकिन दवा की जगह नहीं।






