भगवान विष्णु,(सौ.सोशल मीडिया
Shattila Ekadashi 2025: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व है। हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन षटतिला एकादशी मनाई जाती है। इस साल षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी को रखा जाएगा। यह पर्व जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत भी रखा जाता है।
कहा जाता है कि, इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा, साधक को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। आइए, षटतिला एकादशी की सही तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-
कब है षटतिला एकादशी
माघ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन षटतिला एकादशी मनाई जाती है। जनवरी महीने में 25 जनवरी को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी। इस व्रत को करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में निहित है कि षटतिला एकादशी व्रत करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 24 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, षटतिला एकादशी तिथि का समापन 25 जनवरी को रात 08 बजकर 31 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्य उगने के बाद से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 25 जनवरी को षटतिला एकादशी मनाई जाएगी।
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षटतिला एकादशी का महत्व
सनातन धर्म में षटतिला एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन तिल का दान करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इसे ही सृष्टि का पहला अन्न भी माना जाता है, इसलिए षटतिला एकादशी के व्रत में तिल का प्रयोग जरूर किया जाता है।
कहते हैं ऐसा करने से जीवन में सुख, शांति और वैभव बना रहता है। षटतिला एकादशी का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय और खुशहाल बनता है।