कब मनाई जाएगी चौरचन पर्व (सौ.सोशल मीडिया)
Chaurchan Parv 2025: चौरचन पर्व मिथिलांचल में मनाया जाने वाला खास लोकपर्व है। जो हर साल भाद्रपद मास की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार चौरचन पर्व हरतालिका तीज के दिन यानी 26 अगस्त 2025 को मंगलवार के दिन मनाया जाएगा।
ज्योतिषयों के अनुसार, यह पर्व लोकआस्था का महापर्व छठ पर्व की तरह ही मनाया जाता है, लेकिन इसमें सूर्य देव की बजाय चंद्रमा को अर्घ दिया जाता है। अर्घ दही और फल से दिया जाता है। कहते है चतुर्थी चंद्र का दर्शन अन्य मास में दोष माना जाता है, लेकिन मिथिला धाम में इसका विशेष महत्व है।
ज्योतिषयों के अनुसार, इस बार राज भोग योग बन रहा है, जिस वजह से यह पावन दिन भक्तों के लिए शुभ वाली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मिथिला क्षेत्र में मनाया जाने वाला चौरचन पर्व अपनी अनूठी परंपरा और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से महिलाएं अपने संतान की रक्षा और दीर्घायु होने के आशीर्वाद के लिए करती हैं। परिवार में सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी इस व्रत को किया जाता है। चौरचन पूजा करने से मन की शांति मिलती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाता है और चौरचन पर्व के चौथचंद, चारचन्ना पबनी या चोरचन पूजा जैसे नामों से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जान लेते है इस साल कब है चौरचन पर्व और क्या है शुभ मुहूर्त? मिथिलांचल वालों के लिए क्यों है खास।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) दोपहर 01:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त 2025 (बुधवार) दोपहर 03:44 बजे तक रहेगी। साल 2025 में चौरचन पूजा 26 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। संध्या समय, यानी जब चंद्रमा उदय हो, तब पूजा की जाती है। आमतौर पर शाम 7:50 बजे से रात 8:16 बजे तक यह मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है।
रोहिणीक्षत्र भाद्रशुक्ल चतुर्थी चंद्रायनमः
चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय
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चौरचन पूजा के दिन चांद पूजा का समय शाम 8 बजकर 16 मिनट है। इस दिन चंद्र उदय का समय सुबह 08:34 बजे और चंद्र अस्त रात 08:28 बजे होगा।