वैवाहिक रिश्ते के लिए अपनाए ये नियम(सौ.सोशल मीडिया)
विवाह हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है। विवाह को एक पवित्र संस्कार माना जाता है, जो व्यक्ति को गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने की अनुमति देता है। यह व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उसे पारिवारिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करता है।
आपको बता दें, एक महिला के जीवन में विवाह के बाद घर और परिवार की सुख-शांति बनाए रखना उसका धार्मिक कर्तव्य माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ विशेष नियम और उपाय हैं, जिन्हें अगर शादीशुदा महिलाएं अपने जीवन में अपनाएं, तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय, शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण बना रहता है।
यह केवल भौतिक सुख नहीं, बल्कि आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है। ऐसे में आज आइए जानते है वैवाहिक रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए किन नियमों का पालन करना चाहिए?
वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैवाहिक रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए शादीशुदा महिलाओं को प्रतिदिन सिंदूर और मंगलसूत्र धारण करना चाहिए। आपको बता दें, यह न केवल पति की दीर्घायु का प्रतीक है, बल्कि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे गृहस्थ जीवन में स्थिरता और शुभता बनी रहती है।
वैवाहिक रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए महिलाओं को प्रतिदिन तुलसी का पूजन करना चाहिए। तुलसी माता को सुख-समृद्धि और वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। विवाहित स्त्रियों को प्रतिदिन प्रातःकाल तुलसी के समक्ष दीपक जलाकर “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे गृहस्थ जीवन में सौहार्द और शुभता बनी रहती है।
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गौ सेवा और दान धर्म भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। रसोई में पहली रोटी गौ माता के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनाने से गृह कलह शांत होता है। यह कार्य विवाहित स्त्री द्वारा किया जाए तो उसका प्रभाव संपूर्ण परिवार पर शुभ पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, विवाहित दंपत्ति का शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। यह दिशा स्थायित्व और विश्वास की सूचक है। इससे वैवाहिक रिश्तों में मधुरता आती है।