आज 'कार्तिगाई दीपम मनाई जा रही है,( सौ.सोशल मीडिया)
Karthigai Deepam: आज कार्तिगाई दीपम का पावन उत्सव पूरे दक्षिण भारत में मनाया जाएगा। भगवान कार्तिकेय और शिव को समर्पित कार्तिगाई दीपम का पर्व मुख्य रूप से तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में बहुत ही धूमधाम मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और उनके पुत्र कार्तिकेय की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा घर में सुख समृद्धि आती है। इस दिन दीपक जलाने का खास महत्व होता है। इस दिन तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई अरुणाचलेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिगाई दीपम दीपम उत्सव का भव्य आयोजन होता है जो कार्तिकाई बह्मोत्सव के नाम से प्रसिद्ध है। आइए जानें कार्तिगाई दीपम का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व-
जानिए कार्तिगाई दीपम दीपम शुभ मुहूर्त
कार्तिगाई दीपम दीपम पर्व की शुरुआत 13 दिसंबर यानी आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर हो चुकी है। वहीं कार्तिगाई तिथि का समापन अगले दिन 14 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 48 मिनट पर होगा। इसलिए कार्तिगाई दीपम दीपम का पर्व आज ही मनाया जाएगा।
दीपावली की तरह मनाया जाता है कार्तिगाई दीपम उत्सव
आपको जानकारी के लिए बता दें कि कार्तिगाई दीपम को तमिलनाडु में दीपावली की तरह मनाया जाता है। इस दिन तमिल हिंदू सूर्यास्त के बाद अपने घरों को विशेष रूप से सजाते हैं। वे अपने घरों की कोलम और दीपक से सजावट करते हैं, जो इस त्योहार की एक खास परंपरा है।
इसके बाद, वे भगवान शिव और उनके पुत्र भगवान मुरुगन की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन विशेष प्रसाद के रूप में अडाई, वडाई, अप्पम, नेल्लू पोरी और मुत्तई पोरी जैसे पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं और दोनों देवताओं को अर्पित किए जाते हैं।
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क्या है कार्तिगाई दीपम उत्सव का महत्व
कार्तिगाई दीपम उत्सव के अवसर पर तमिलनाडु और केरल के सभी मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई अरुणाचलेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिगई दीपम उत्सव का भव्य आयोजन होता है, जो कार्तिकाई बह्मोत्सव के नाम से प्रसिद्ध है।
इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु अरुणाचलेश्वर मंदिर में एकत्रित होते हैं और विशाल दीपक जलाते हैं, जिन्हें महादीपम कहा जाता है। यह भगवान शिव के ज्योति रूप का प्रतीक माना जाता है, जिसका संबंध भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग से है, जिसका जिक्र शिव पुराण में किया गया है।
कार्तिगाई दीपम पर्व को मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, जिसमें घर-घर में लोग दीप जलाकर नकारात्मक ऊर्जा को भगाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा एवं सुख-समृद्धि को घर में आमंत्रित करते हैं।