
इन फलों के बिना अधूरी होती है छठ पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Chhath Puja 2025: सूर्यदेव की उपासना का महापर्व छठ पूजा मनाया जा रहा है। यह त्यौहार सिर्फ बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में बसे भारतीय समुदाय द्वारा बड़े उत्साह और अनुशासन के साथ मनाया जाता है।
जिसके माध्यम से वे अपने परिवार की खुशहाली और बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते है। यह पर्व अब प्रवासी भारतीयों की सांस्कृतिक पहचान का एक मजबूत प्रतीक बन गया है। यह लोक परंपरा और धार्मिक आस्था का त्योहार है।
इसे सुहागिन महिलाओं पति और संतान की मंगल कामना के लिए करती है। खरना पूजन के बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। इस व्रत में अर्पित किए जाने वाले फल और प्रसाद का विशेष महत्व माना जाता है।
मान्यता है कि कुछ विशेष फल छठ मैया को बहुत प्रिय है। यही नहीं इन फलों के बिना छठ की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं इन फलों के बारे में, जिनको छठ पूजा का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
सुथनी
छठ की पूजा सुथनी के बिना अधूरी मानी जाती होती है। सुथनी बहुत शुद्ध और पवित्र फल होता है। ये फल छठ मैया और सूर्यदेव दोनों को बहुत प्रिय है। सनातन लोक परंपरा के अनुसार, छठ की पूजा में अगर सुथनी चढ़ाई जाती है, तो दीर्घायु, समृद्धि और मानसिक शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
छठ पूजा में सुथनी के अलावा सुपारी का होना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि, सुपारी हर शुभ कार्य की तरह छठ पूजा में भी सुपारी उपयोग की जाती है। यह मंगल, समर्पण और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है। छठ की पूजा में सुपारी चढ़ाने से जीवन में शुभता और परिवार में सौहार्द्र बना रहता है।
छठ मैया की पूजा में मिश्रीकंद का एक विशेष स्थान है। यह फल जीवन में मधुरता और सकारात्मकता का प्रतीक है। अपने मीठे स्वाद और पौष्टिक गुण की वजह से फल प्रसाद का अहम हिस्सा है।
छठ की पूजा में शकरकंद भी रहता है। मान्यता है कि शकरकंद चढ़ाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है. बिहार में इसे अल्हुआ भी कहा जाता है।
छठ पूजा की टोकरी में सिंघाड़ा रखना शुभ माना जाता है। इसे खाने से शरीर को उर्जा और ताजगी मिलती है। सिंघाड़ा जल में उगने वाला फल है।
छठ की पूजा में नारियल चढ़ता है। मान्यता है कि छठी मैया को अगर नारियल चढ़ाया जाता है, तो सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं और घर में धन-धान्य बढ़ता है।
केला सबसे पवित्र फलों में गिना जाता है। धर्म शास्त्रों मे बताया गया कि केले में भगवान विष्ण वास करते है। छठ मैया की पूजा में केला शामिल किया जाता है, तो घर में समृद्धि और संतान सुख बना रहता है।
गन्ने का छठ महापर्व में विशेष महत्व है। छठ पूजा के दौरान गन्ने का मंडप बनाकर उसके नीचे दीप जलाया जाता है। यह कोसी भरने की रस्म का भाग है. गन्ना सुख, शांति का प्रतीक है।
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डाभ नींबू छठ मैया का सबसे प्रिय फल है। ऐसा माना जाता है कि यह एक सत्य फल है, इसलिए छठ मैया की पूजा में इसे चढ़ाना शुभ होता है।






