
फोटो सोर्स- @ShriRamTeerth
Ram Mandir Movement: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ट्रस्ट शहीदों की याद में एक स्मारक बनाएगा और उस स्थान पर मंदिर भी निर्मित करेगा जहां प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला विराजमान थे। साथ ही, प्रतिष्ठा द्वादशी समारोहों के लिए विस्तृत कार्यक्रम तय किए गए हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक की अध्यक्षता महंत नृत्य गोपाल दास ने की। इस बैठक में आगामी कार्यक्रमों सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। ट्रस्ट ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि श्री राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की याद में एक स्मारक बनाया जाएगा।
इसके अलावा, ट्रस्ट ने यह भी निर्णय लिया है कि जिस स्थान पर रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले अपने भाइयों के साथ विराजमान थे, वहां एक मंदिर का निर्माण किया जाएगा। यह नया मंदिर शहीदों के स्मारक के पास ही बनाया जाएगा।
ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ 31 दिसंबर को मनाई जाएगी, जिसे ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ नाम दिया गया है। इस अवसर पर, मंदिर परिसर के सात उप-मंदिरों के शिखरों पर ध्वज फहराने का कार्यक्रम भी रखा गया है। बैठक में तय किया गया कि प्रतिष्ठा द्वादशी के सभी कार्यक्रम अंगद टीला पर होंगे। इन कार्यक्रमों के तहत, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में 27 से 31 दिसंबर तक मंडल पूजा की जाएगी। इस दौरान श्री राम कथा का आयोजन किया जाएगा, साथ ही श्री रामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ भी होगा।
प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी एक लंबी श्रृंखला होगी। जाने-माने गायक अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर, और तृप्ति शाक्य भजन संध्या प्रस्तुत करेंगे। इन आयोजनों में कथक नृत्य नाटक सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और एक कवि सम्मेलन भी शामिल है, जिसमें कई कवि भाग लेंगे।
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ट्रस्ट ने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मंदिर निर्माण में लगे लगभग 400 श्रमिकों को हिंदू नव वर्ष के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान समारोह 19 मार्च को आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले 25 नवंबर को श्री राम मंदिर पर ध्वजारोहण का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे।






