
शिव जी की पूजा कैसे करें। (सौ. Gemini)
Shivalinga Worship Tradition: भगवान शिव की आराधना के लिए हर समय को श्रेष्ठ माना जाता है। लाखों भक्त शिवालयों में जलाभिषेक करते हुए भगवान शिव की पौजा करते है। पूजा के बाद कई लोग शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजाते हैं। यह सिर्फ एक क्रिया नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति श्रद्धा, समर्पण और आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।
शिवलिंग के सामने तीन बार ताली बजाना एक प्राचीन धार्मिक परंपरा है, जिसका हर कदम विशेष अर्थ रखता है।
मान्यताओं के अनुसार, तीन बार ताली बजाना ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवों का आह्वान माना जाता है। यह शिवजी के त्रिगुणात्मक स्वभाव सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण की उपासना का भी प्रतीक है। माना जाता है कि यह साधना भक्त के जीवन में सकारात्मकता बढ़ाती है और शीघ्र ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
धार्मिक ग्रंथों में तीन तालियों का महत्व स्पष्ट रूप से मिलता है। कहा जाता है कि रावण ने शिव पूजा के बाद तीन बार ताली बजाई थी, जिसके बाद उसे सोने की लंका प्राप्त हुई। इसी प्रकार, जब भगवान श्रीराम माता सीता को खोजने के बाद लंका तक पहुंचने हेतु सेतु निर्माण कर रहे थे, तब रामेश्वरम में शिव पूजन के बाद श्रीराम ने तीन बार ताली बजाई और उसके बाद सेतु निर्माण सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ।
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धार्मिक मान्यताओं से अलग, कई लोग तीन बार ताली बजाने को नकारात्मक ऊर्जा दूर करने वाला अभ्यास मानते हैं। ताली की ध्वनि से उत्पन्न कंपन आसपास की नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है, जिससे मन शांत होता है। वहीं, कुछ लोग इसे स्वास्थ्य से भी जोड़ते हैं। ताली बजाने से हाथों के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स सक्रिय होते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त प्रवाह बढ़ाकर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।






