सोम प्रदोष व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
आज 23 जून 2025 का दिन हिंदू श्रद्धालुओं के लिए बड़ा शुभ एवं खास माना जा रहा है। क्योंकि इस दिन सोमवार, मासिक शिवरात्रि और सोम प्रदोष व्रत का संयोग भी एक साथ बन रहा है। जिसके वजह से शिव पूजा के लिए ये सबसे खास दिन हिंदू श्रद्धालुओं के लिए बड़ा शुभ बताया जा रहा है।
ज्योतिषयों के अनुसार,सोम प्रदोष व्रत के दिन कुछ खास उपाय जरुर करना चाहिए। जैसे लव मैरिज में आ रही बाधाओं को दूर करने, वैवाहिक जीवन में सुख शांति और वंश-धन वृद्धि के लिए सोम प्रदोष व्रत के दिन कुछ बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं सोम प्रदोष व्रत के दिन क्या उपाय करना चाहिए?
आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी तिथि – 22 जून 2025, प्रात: 1.21
आषाढ़ कृष्ण त्रयोदशी तिथि – 23 जून 2025, रात 10.09
प्रदोष काल शिव पूजा मुहूर्त – रात 7.22 – रात 9.33
लव मैरिज में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लव मैरिज में बाधा आ रही है तो सोम प्रदोष व्रत के दिन शाम को पांच दिए मंदिर में प्रज्वलित करें और एक दिए को बिना जलाए अपने घर आएं और इस दिए को घर की चौखट पर यानी आप अपने घर की तरफ मुंह कर लें और फिर आपका दाहिना हाथ जिधर है इस दाहिनी हाथ की तरफ घर की चौखट पर घी का एक दिया जला दें।
कहा जाता है कि, सच्चे मन से शिव जी से अपनी मनोकामना कहें, मान्यता है इससे मनपसंद जीवनसाथ से शादी की इच्छा जल्द पूरी होती है।
शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन पशुपति व्रत करना समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बहुत शुभ माना गया है। इसे करने से मनुष्य के जीवन में चल रही सभी समस्याओं का अंत हो जाता है। ऐसे में प्रदोष, सोमवार और मासिक शिवरात्रि के दुर्लभ संयोग में इस व्रत का महत्व दो गुना बढ़ जाता है।
बुधवार को दर्श अमावस्या, पितरों का करें तर्पण, विधिवत पिंडदान से मिलेगा पुण्य का प्रताप, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजाविधि
बता दें, इस दिन पूजा में शिव जी पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र अपनी मनोकामना कहते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। कहते हैं 5 सोमवार तक इस विधि से पूजा करने पर वंश और धन वृद्धि के योग बनते है।
मांगलिक दोष दूर करने के लिए पशुपति व्रत करना भी बड़ा शुभ माना जाता है। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष के दिन शिवलिंग पर लाल चंदन अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से कुंडली में मंगल और सूर्य मजबूत होता है,इससे मांगलिक दोष खत्म होता है।