
हरितालिका तीज 2024 (सौ.फाइल फोटो)
आज हरतालिका व्रत 2024 सुहागिन महिलाओं औऱ कुंवारी कन्याओं द्वारा रखा जा रहा हैं यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना का विधान होता हैं। इस दिन व्रती को निर्जला व्रत रखना होता है। सुबह से समय जहां पर गौर निकालकर शाम को पूजा की जाती हैं वहीं पर 24 घंटे के बाद व्रत का पारण करने के भी नियम होते है। हरतालिका पूजा के लिए सुबह का समय सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। अगर किसी कारणवश सुबह के समय पूजा करना संभव नहीं है तो प्रदोषकाल में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
हरतालिका तीज का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता हैं इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता हैं तो वहीं पर कई लोगों को इस व्रत के उद्यापन की जानकारी कम ही होती हैं। इसे लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने हरतालिका तीज व्रत के उद्यापन के बारे में बताया हैं। कहा है कि, हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन होता नहीं है। एकादशी व्रत का उद्यापन एक साल तक सभी एकादशी व्रत करने के बाद किया जा सकता है, लेकिन हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन 13 वर्ष से पहले नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति को हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन करना है तो उसे 13 वर्ष तक इस व्रत को करना होगा, उसके बाद ही इस व्रत का उद्यापन किया जा सकता है।
ब्रह्म मुहूर्त- 04:30 ए एम से 05:15 ए एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:53 ए एम से 12:43 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:24 पी एम से 03:14 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:36 पी एम से 06:59 पी एम तक।
वि योग 09:25 ए एम से 06:01 ए एम, सितंबर 07 तक।
हिन्दू मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने सर्वप्रथम यह व्रत रखा था और भगवान शिव को प्राप्त किया था। प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए तीजा के दिन निर्जला और निराहार रहकर घनघोर तप किया था। भगवान शंकर पार्वती से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें (Hartalika Teej 2024) अपने जीवन में पत्नी के रूप में स्थान देते हैं। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की कामना के लिए उपवास रखती हैं। उड़ीसा में यह गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है।






