करें महामृत्युजंय मंत्र का करें जाप (सौ.सोशल मीडिया)
जैसा कि, जुलाई महीने में भगवान शिव की आराधना का सबसे खास त्योहार सावन की शुरूआत होने वाली है वहीं पर यह त्योहार शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है जहां पर विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस पूजा के नियम में आप अपने आराध्य को प्रसन्न करना चाहते है तो, महामृत्युंजय मंत्र का जाप का नियम से करें तो आपको आशीर्वाद भी मिलता है।
जानते हैं, महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख चारों वेदों ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक मिलता है तो इसकी महत्ता विशेष है। ऐसे में आज हम आपको ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी के द्वारा महामृत्युंजय मंत्र के नियम और कितनी बार इसका जाप करना शुभ माना जाता है इसके बारे में बता रहे है।
सावन महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए इसे लेकर ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, 108 एक पवित्र संख्या होती है जितनी बार जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। लेकिन अगर आप इतने बार जाप नहीं कर पा रहे है तो नियम कहते है आप 27 बार मंत्र का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का 27 बार जाप करने से व्यक्ति को ग्रह दोष से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा 11 बार जाप करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।
वैसे तो, इस प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र का जाप किसी भी समय कर सकते है लेकिन इसे नियमों के अनुसार सही समय पर किया जाए तो, शुभ फलों की प्राप्ति मिलती है। इसके लिए आप ब्रह्म मुहूर्त और संध्या के समय सिद्धि प्राप्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं। जो आपको फायदा दिलाता है।
इस महामृत्युंजय मंत्र के जाप के नियम आपको जानने चाहिए तो लाभदायक साबित होते है जो इस प्रकार है…
1- इस मंत्र जाप करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर तैयार हो जाएं।
2-मंत्र का जाप करने के लिए पूजा स्थल या साफ जगह चुनें।
3-मंत्र का जाप करते समय मन को शांत औऱ एकाग्र रखें तो सही रहता है।
4- मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष या मोती की माला का प्रयोग करें।
5-‘गायत्री मुद्रा’ में बैठकर जप करना उत्तम माना जाता है।
6-आप अपनी सुविधा के अनुसार 27, 54, या 11 बार भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।