
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये सरल उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Margashirsha Purnima Kab Hai 2025: मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए पूर्णिमा तिथि बड़ा शुभ माना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, इस दिन पर स्नान-दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में धन की देवी की कृपा प्राप्ति के लिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ये विशेष उपाय कर सकते हैं। इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा गुरुवार, 4 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन पर चंद्रोदय का समय दोपहर बजकर 4 बजकर 35 मिनट रहने वाला है। ऐसे में आइए जानते है इन उपायों के बारे में।
ज्योतिषयों के अनुसार, अगर घर में सदस्य अक्सर आपस में झगड़ते हैं और तनाव की स्थिति बनी रहती है, तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा के समय विष्णु जी को सफेद चंदन का टीका लगाएं। इस उपाय से गृह दोष कम होगा और घर में शांति और सामंजस्य लौटेगा।
कहा जाता है कि, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर धन की समस्याओं को दूर करने के लिए मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा में लाल रंग के फूल अर्पित करें और साथ ही कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर पूरे परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखेंगी और आर्थिक कठिनाइयां दूर होंगी।
ज्योतिष बताते है कि, मार्गशीर्ष पूर्णिमा की सुबह यदि पीपल के पेड़ के नीचे आटे का दीपक बनाकर उसमें तिल का तेल डालकर जलाया जाए, तो इच्छाओं की पूर्ति होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। इस उपाय से जीवन में सफलता के नए रास्ते खुल सकते हैं।
सभी प्रकार की जीवन बाधाओं को खत्म करने के लिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्री हरि और माता लक्ष्मी की सच्चे मन से पूजा करें। इस उपाय से जीवन की कठिनाइयां समाप्त होंगी और सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व बताया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के शुभ दिन पर हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं।
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इस दिन दान देने का खासा महत्व है। किसी जरूरतमंद को वस्त्र, भोजन आदि का यथाशक्ति दान करें। इस दिन किए जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।






