आखिर क्या होती है चोपड़ा पूजा (सौ.सोशल मीडिया)
Diwali Chopada Puja Shubh Muhurat : सनातन परंपरा में दीपावली का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और इसे कई पौराणिक कथाओं से भी जोड़ा गया है, जैसे भगवान राम का लंका पर विजय के बाद अयोध्या लौटना और भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध करना। यह पर्व देवी लक्ष्मी की पूजा और धन, समृद्धि और आंतरिक शांति की प्रार्थना का भी अवसर है, और यह ज्ञान की वृद्धि और अज्ञानता के अंत का भी प्रतीक है।
ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार, दीपावली का पर्व केवल रोशनी और उत्सव का प्रतीक नहीं, बल्कि यह नए आरंभ, शुभ संकल्प और समृद्धि का संदेश भी देता है। इस पावन अवसर पर एक विशेष पूजा की जाती है जिसे चोपड़ा पूजा कहा जाता है।
आपको बता दें, यह पूजा खासतौर से व्यापारियों और नए कार्य की शुरुआत करने वालों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस पूजा के माध्यम से नया लेखा-जोखा आरंभ किया जाता है, जो आने वाले वर्ष में धन, सौभाग्य और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में आइए जानते है दिवाली पर क्या होती है चोपड़ा पूजा और इससे जुड़े सारी बातें।
ज्योतिष और वास्तु विशेषज्ञ का मानना है कि, चोपड़ा शब्द का अर्थ होता है बही-खाता या लेखा-पुस्तक। पुराने समय में दीपावली के दिन पुराने खातों का समापन कर नए वर्ष के लेन-देन की शुरुआत करने की परंपरा रही है इसलिए व्यापारी लोग इस दिन अपनी नई बही, डायरी या फाइल की पूजा करते है।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की उपासना के बाद बही पर श्री गणेशाय नमः या श्री लक्ष्मी नमः लिखना अत्यंत शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पूरे वर्ष धन, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद बना रहता है। आपको बता दें, केवल व्यापारी ही नहीं, जो लोग नई योजनाएं या कार्य आरंभ करना चाहते हैं, वे भी इस दिन लेखनी और डायरी पूजकर शुभ शुरुआत कर सकते हैं।
सनातन धर्म में चोपड़ा पूजा का बहुत अधिक महत्व है। यह पूजा केवल व्यापारिक परंपरा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकल्प का प्रतीक भी है। यह पूजा हमें याद दिलाती है कि आने वाला वर्ष ईमानदारी, स्पष्टता और शुभ कर्मों से भरा होना चाहिए।
यह लक्ष्मी-गणेश की कृपा से समृद्धि के साथ-साथ विवेक और आत्मविश्वास का भी आशीर्वाद प्रदान करती है।
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दीपावली इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। इसी दिन चोपड़ा पूजा का शुभ समय रहेगा। प्रदोष काल जो कि लक्ष्मी पूजन और चोपड़ा पूजा दोनों के लिए सबसे शुभ माना जाता है। यह शाम 5:46 से रात 8:18 बजे तक रहेगा।
लाभ और अमृत चौघड़िया: दोपहर 3:44 बजे से शाम 5:46 बजे तक रहेगा।
चर चौघड़िया– शाम 5:46 बजे से 7:21 बजे तक रहेगा।