आखिर व्रत को साधना क्यों मानते हैं मोदी (सौ.सोशल मीडिया)
PM Modi Fasting Rules: पूरे देशभर में शारदीय नवरात्रि का महापर्व चल रहा है। आज नवरात्रि का पांचवें दिन मां भगवती के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जा रही है। हर कोई मां अंबे की भक्ति में लीन होकर मां भगवती से अपनी अपनी मनोकामनाएं की अर्जी लगा रहे हैं।
कहा जाता है कि सच्ची मन से की गई प्रार्थना कभी निष्फल नहीं जाती है। इसी बीच देश का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी मां भगवती की आराधना कर रहे हैं और नौ दिनों का व्रत भी रख रहे हैं।
आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्रत सिर्फ पूजा-पाठ नहीं, बल्कि एक गहन साधना है। आम लोग व्रत के दौरान फलाहार और मिठाई पर टिके रहते हैं, वहीं देश पीएम मोदी जी अपने जीवन को एक अनुशासनात्मक प्रयोगशाला बना देते है। यह व्रत उनके लिए शरीर से ज्यादा मन और आत्मा को साधने का साधन है। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्रत साधना का रहस्य और इसका दर्शन।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि नवरात्रि के नौ दिन उनके जीवन के सबसे शुद्ध एवं पावन दिन होते है। भोजन का त्याग उन्हें केवल भूखा नहीं रखता, बल्कि इंद्रियों को तीक्ष्ण करता है।
उनका कहना हैं कि उपवास में पानी तक की खुशबू महसूस होने लगती है। यह साधारण उपवास नहीं बल्कि तपस्या है, जहां भूख की पीड़ा आत्मबल में बदल जाती है।
पीएम मोदी जी ने कहा, हमारे यहां चातुर्मास की परंपरा है। वर्षा ऋतु में पाचन क्रिया मंद पड़ जाती है। जून के मध्य से दीपावली तक करीब 4 महीने या साढ़े चार महीने ये एक पहर ही भोजन करता हूं। नवरात्रि के दौरान भी मैं 9 दिन का उपवास करता हूं। मैं गरम पानी पीता हूं। वैसे मैं हमेशा ही गरम पानी पीता हूं।
दूसरा मार्च अप्रैल में चैत्र नवरात्रि आता है। नवरात्रि के समय मैं एक फल ही 9 दिन खाता हूं। जैसे पपीता है तो 9 दिन तक रोजाना यही लूंगा। दिन में सिर्फ एक बार ही उसे ग्रहण करूंगा। 50-55 सालों से उपवास को लेकर मैं ऐसा कर रहा हूं।
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PM Modi का नवरात्रि का व्रत राजनीति से परे एक संदेश देता है कि संयम ही सबसे बड़ा शस्त्र है। जहां लोग व्रत को केवल आस्था से जोड़ते हैं, वहीं देश का पीएम मोदी जी इसे आत्म-अनुशासन की तपस्या बना देते हैं।
यही कारण है कि उनका व्रत आज भी चर्चा में रहता है, क्योंकि यह केवल भूख का त्याग नहीं, बल्कि मन और आत्मा की गहन साधना है।