कथित जासूस (जसबीर सिंह)
चंडीगढ़ः ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में जासूसों की बाढ़ सी आ गई है, पिछले एक माह की बात करें तो अलग-अलग राज्यों से दर्जनों लोगों को जासूसी के आरोप में पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। बीते दो दिन पहले पंजाब से जासूसी के आरोप में पुलिस ने यूट्यूबर जसबीर सिंह को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया था। अब सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही जसबीर से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। उसने भारत में पूरे जासूसी नेटवर्क को हैंडल करने वाले एक पूर्व पाकिस्तानी पुलिस कर्मचारी का नाम लिया है।
आरोपी जसबीर के मुताबिक भारत में जासूसी का पूरा नेटवर्क पाकिस्तान का एक पूर्व सब इंस्पेक्टर चलाता है, जिसका नाम नासिर ढिल्लो है। वह अब एक यूट्यूबर है, लेकिन जासूसों का उसने एक नेटवर्क भारत में डेवलप किया है।
जसबीर को ज्योति से मिलवाने वाला नासिर
मिली जानकारी के अनुसार कथित जासूस जसबीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी नासिर ढिल्लो ने ही पाक की खुफिया एजेंसी ISI के अफसरों से उसकी लाहौर में मुलाकात करवाई थी। इसके अलावा उसी ने जसबीर को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से मिलवाया था। इसके बाद दोनों एक साथ करीब 10 दिन लाहौर में रुके थे।
जासूस बनते थे पाकिस्तानी उच्चायोग के मेहमान
इंटेलिजेंस इनपुट्स से मिली जानकारी के मुताबिक, नासिर ढिल्लो भारत से पाकिस्तान जाने वाले ज्यादातर यूट्यूबर्स से संपर्क कर दानिश नाम के एक व्यक्ति से मिलवाता था। इसके बाद दानिश उन्हें जासूसी के टास्क सौंपता था। इसके बाद दिल्ली में स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग में मेहमान के तौर पर बुलाया जाता था।
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पहलगाम हमले के बाद जासूसी के अड्डे को भारत ने किया खत्म
गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 6 बड़े एक्शन लिए थे, जिसमें से एक यह था पाकिस्तान उच्चायोग को 48 घंटे में खाली करने का आदेश दिया था। इसके अलावा सभी पाकिस्तानी नागरिकों भी वापिस जाने को कहा था। आतंकी हमले के समय दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में उच्चायुक्त के रूप में दानिश काम करता था। इस पर सरकार को जासूसी करने का शक था। अब जांच शक सही साबित हुआ है।
‘पाकिस्तान के सैकड़ों पुलिसकर्मी जासूसी रैकेट में शामिल’
सुरक्षा एजेंसियों आशंका है कि पाकिस्तानी पुलिस के सैकड़ों कर्मचारी इस जासूसी रैकेट में शामिल हैं। ये लोग सोशल मीडिया, यूट्यूब और व्यक्तिगत संपर्कों के जरिए भारतीयों को फंसाते हैं। इसके बाद से इनसे जासूसी का काम करवाते हैं। हालांकि ज्योति मल्होत्रा वाले केस में पाया गया है कि जासूसी के बादले जासूसों को तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, लेकिन अभी तक यह नहीं पता चला है कि क्या इन्हें पैसे भी दिए जाते हैं।