कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
लखनऊ: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को दोनों सदनों में मंजूरी मिलने के बाद भी इस विधेयक को लेकर राजनीति जारी है। भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल जहां इस विधेयक की अच्छाई बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इस विधेयक के खिलाफ है। वहीं, विधेयक पारित होने के बाद एनडीए के सहयोगी दलों में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।
संसद में वक्फ बिल का समर्थन करना एनडीए के सहयोगी दलों के लिए सिरदर्द बन गया है। बिहार में जेडीयू के बाद यूपी में ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के नेता ने भी इस्तीफा दे दिया है। वहीं, जयंत की पार्टी में भी बगावत देखने को मिल रही है।
इसी कड़ी में सुहेलदेव पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री ने इस विधेयक को लेकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सुभासपा नेता जफर नकवी ने कहा कि राजभर के बयानों से आहत होकर मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि राजभर मुस्लिम विरोधी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं और इमामबाड़ों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक राष्ट्रीय लोकदल द्वारा संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने के बाद पार्टी के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने शुक्रवार को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
उनके इस्तीफे को वक्फ विधेयक पर राष्ट्रीय लोकदल में बगावत के तौर पर देखा जा रहा है। रालोद के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने बातचीत में उनके इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा कि संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के पार्टी मुखिया जयंत चौधरी के फैसले से नाराज होकर हमने अपने पदों से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी भी छोड़ दी है।
उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में कई और नेता पार्टी छोड़ेंगे। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री हैं।
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शाहजेब रिजवी अपने इस्तीफे के साथ ही चौधरी के विरोध में मुखर हो गए हैं। राष्ट्रीय लोकदल से इस्तीफा देने के बाद वह कहां जाएंगे, इस सवाल पर रिजवी ने कहा कि उन्होंने अभी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। साथी कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही वह अगला कदम उठाएंगे।