सीएम योगी, ओपी राजभर (फोटो-सोशल मीडिया)
मऊः उत्तर प्रदेश में भाजपा और सुभासपा में एक बार फिट टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी को मानहानि के एक मामले में कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई। अब्बास अंसारी ने 2022 विधानसभा चुनाव सुभासपा के टिकट से लड़ा था। उस समय सुभासपा समाजवादी पार्टी के साथ थी। वहीं अब ओम प्रकार राजभर कह रहे हैं कि मऊ से हमारी पार्टी चुनाव लड़ेगी, तो भाजपा कह रही है इसका फैसला दिल्ली से होगा।
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “वह सीट हमारी है। उस पर हमारी पार्टी (उपचुनाव) लड़ेगी। अब्बास अंसारी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। नफरत भारत भाषण देने के आरोप में अदालत द्वारा 2 साल कैद की सजा सुनाई है, जिसके चलते 8 साल तक वह कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
मऊ विधानसभा रिक्त घोषित
अब्बास की विधानसभा की सदस्यता रदद् किए जाने के बाद मऊ विधानसभा को रिक्त घोषित कर दिया गया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर अदालत किसी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाती है तो उसकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है। सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी अध्यक्ष राजभर राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं।
अब्बास अंसारी के साथ ओपी राजभर
अंसारी को लेकर पार्टी के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा, “अगर वह अदालत जाते हैं, तो पार्टी उनके साथ है। फिलहाल उच्च न्यायालय में छुट्टियां हैं और वह एक महीने के लिए बंद रहेगा। अब्बास अंसारी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में सुभासपा के पांच विधायक रह जाएंगे। हालांकि देखना होगी अब्बास अंसारी सुप्रीम का दरवाजा खटखटाते हैं या नहीं।
ब्लॉक प्रमुख के चुनाव पर क्या बोले राजभर?
राजभर ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता के प्रत्यक्ष वोटों से कराने के बारे में राजभर ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। राजभर ने कि इन पदों पर चुनाव के लिए धन और बाहुबल के इस्तेमाल से बचने के लिए सीधे जनता से चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत के सदस्य करते हैं। इसी तरह ब्लॉक सदस्य अपने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं। इन चुनावों में धन और बाहुबल के इस्तेमाल के आरोप लगते हैं।