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नवभारत डिजिटल डेस्क : इस साल के अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है। ऐसे में यहां कि सियासी गलियारों में चुनावी हलचल काफी तेज हो गई है। महाराष्ट्र और दिल्ली में जीतने के बाद भाजपा बिहार की राजनीति में मजबूत पकड़ के लिए एक नया तरकीब निकाल लिया है।
वैसे तो बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण के सहारे ही चुनाव का परिणाम डिसाइड होता है, मगर इतिहास गवाह है कि इन तमाम समीकरण के जोड़-तोड़ के बावजूद भाजपा अपने अकेले के दम पर कभी भी बिहार में सत्ता हासिल नहीं कर पाई। शायद यही वजह है कि, इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा हर हाल में बिहार की राजनीतिक दशा-दिशा बदलने की कोशिश में जुटी हुई है। इसकी शुरुआत पीएम मोदी के बिहार दौरे से मानी जा रही है।
धीरेंद्र शास्त्री, फोटो – मीडिया गैलरी
इसके लिए शुरुआत में ही दिग्गजों हिंदुत्व का एजेंडा सेट कर ही चुनाव प्रचार में आगे बढ़ना चाहती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार के गोपालगंज में अपना डेरा डाले हुए हैं जो कि, आरजेडी प्रमुख लालू यादव का गृह क्षेत्र है। धीरेन्द्र शास्त्री ने वैसे तो बिहार पहुंचते ही यह साफ कर दिया था कि वो किसी एजेंडे के तहत नहीं बल्कि हिंदुत्व के जन जागरण के लिए बिहार पहुंचे हैं और लोगों को कथा सुनाने आए हैं।
बिहार की राजनीति में शुरू से यह माना जाता रहा है कि लालू यादाव के पास एमवाई समीकरण रही है। एमवाई समीकरण का मतलब है मुस्लिम और यादव वोर्टस। बिहार में मुस्लिम और यादव वोटर्स शुरू से ही आरजेडी के समर्थक माने जाते रहे हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि धीरेंद्र शास्त्री सीधे तौर पर लालू यादव के गृह क्षेत्र में ही बिखरे हुए हिन्दुओं को एक साथ लाने की बात कहकर विपक्ष को मुश्किल में जरूर डालने का काम कर दिया है। बता दें, धीरेन्द्र शास्त्री की कथा और दर्शन में भारी भीड़ जमा हो रही है। इसे लेकर बिहार की राजनीति में काफी हलचल मच गई है।
पीएम मोदी और बिहार सीएम नीतीश कुमार, फोटो – सोशल मीडिया
वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही बिहार में चुनावी दौरे की शुरुआत कर चुके हैं। मगर धर्मगुरु,आध्यात्मिक गुरु और संघ प्रमुख के लंबे लंबे दौरे ने हिंदुत्व का तड़का और भाजपा के लिए जमीन तैयार करने में इस बार काफी हद तक भूमिका में नजर आ रहे हैं।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश चुनाव से ठीक पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदुत्व की यात्रा निकाली थी जिसने मध्य प्रदेश चुनाव की काफी हद तक दशा और दिशा बदल कर रख दी थी। कुछ ऐसा ही माहौल अब बिहार में भी बनता दिख रहा है।
कुल मिलाकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि, भाजपा ने जिस तरह महाराष्ट्र में बंटेंगे तो कटेंगे,और दिल्ली में एक हैं तो सेफ हैं, जैसे मुद्दों पर अपने वोट की फसल काटी, उसी फार्मूले पर आगे बढ़ते हुए इस बार पहले से ही बिहार की चुनावी हवा में हिंदुत्व के एजेंडे का तड़का लगाते नजर आ रही है।
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बिहार के मुद्दे पर बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार ने जितना काम किया है वो आज तक कभी नहीं हुआ था। आज वहां की जनता, महिलाएं नीतीश कुमार के शासन में सुरक्षित महसूस कर रहीं है। बिहार में हर तरफ विकास हुआ है। प्रधानमंत्री और केंद्र की पहल पर बिहार को विशेष पैकेज भी दिया गया है, इसलिए बिहार को जनता नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही साथ देगी और वहां फिर से एनडीए की ही सरकार बनेगी।