Yogasan Tips in Hindi: 30 की उम्र के पड़ाव में बदलाव भी नजर आने लगते है जिसमें मांसपेशियों और हड्डियों में मजबूती नहीं रहती है। आज हम आपको कुछ योगासन के बारे में बता रहे है जो योग से फायदा दिलाते है।
30 की उम्र में फिट रखने वाले योगासन (सौ.सोशल मीडिया)
Yoga Tips For 30 age: योग, हमारे जीवन का हिस्सा है जो स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर को मजबूती दिलाता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं। 30 की उम्र के पड़ाव में बदलाव भी नजर आने लगते है जिसमें मांसपेशियों और हड्डियों में मजबूती नहीं रहती है। आज हम आपको कुछ योगासन के बारे में बता रहे है जो योग से फायदा दिलाते है।
1- आयुष मंत्रालय के अनुसार मानें, योग की शुरुआत ताड़ासन से की जानी चाहिए। यह आसन गहराई से शरीर पर असर डालता है यानि ताड़ासन करने से शरीर का पोश्चर सुधरता है, रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, और संतुलन बेहतर होता है। इसके अलावा, ये आसन पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग में मदद करता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है और लचीलापन बढ़ता है।
2- पश्चिमोत्तासन- योगासनों में से एक यह एक बेहद कारगर योगासन है, जो आपकी पीठ, पैरों और पेट के लिए फायदा पहुंचाता है। इस योगासन में शरीर को आगे की ओर झुकाकर पैरों के पंजे पकड़ने की कोशिश की जाती है। यह योगाभ्यास रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है और हेमस्ट्रिंग्स की जकड़न को दूर करता है। पीठ की अकड़न और थकावट दूर करता है।
सेतुबंध सर्वांगासन- 30 की उम्र के लोगों के लिए यह योगासन भी फायदा दिला सकते है, यहां पर योगासन को ब्रिज पोज भी कहते हैं। यहां पर योगासन में यह खासकर पीठ और पेट के लिए लाभकारी है। यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है, जिसमें शरीर को ऊपर उठाकर एक सेतु की आकृति बनाई जाती है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है, थायरॉयड ग्रंथियों को सक्रिय करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
मलासन- इस योगासन की बात की जाए तो, महिलाओं के लिए इस योगासन के फायदे होते है। यहां पर मलासन करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है, हिप्स और थाइज की स्ट्रेंथ बढ़ती है, और कब्ज की समस्या में भी आराम मिलता है। 30 की उम्र के बाद महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव भी होने लगते हैं। ऐसे में यह आसन न सिर्फ शरीर को संतुलन में लाता है बल्कि मानसिक तौर पर भी सुकून देता है।
बालासन- इस योगासन की बात की जाए तो, इस योगासन को करने से शरीर और मन दोनों को आराम देता है। यह योगाभ्यास तनाव को दूर करता है, पीठ के निचले हिस्से को राहत देता है और पूरे शरीर को रिलैक्स करने में मदद करता है। दिनभर की थकान शरीर पर हावी हो जाए या मन बेचैन हो, तो बालासन करने से तुरंत शांति मिलती है। आईएएनएस के अनुसार