
शादी का मार्केट (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Wedding GST Yavatmal: यवतमाल जिले में इन दिनों शादी-विवाह का मौसम जोरों पर है। लेकिन इसी दौरान हमारे-आपके घरों में होने वाले विवाह समारोहों से सरकार को करोड़ों का दहेज मिल रहा है। शादी में होने वाले हर खर्च पर सरकार जीएसटी वसूल करती है। इसी टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में करोड़ों रुपये जमा हो रहे हैं, जबकि विवाह सीजन के कारण जिले की बाजारों में भी भारी आर्थिक लेनदेन हो रहा है।
इस समय हर जगह शादी-ब्याह की धूम मची हुई है। कहीं 15 से 20 लाख तक तो कहीं करोड़ों रुपये तक खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन आम आदमी शादी में जितना ज्यादा खर्च करता है, उतना ज्यादा ‘दहेज’ सरकार को देना पड़ता है। सामान्य तौर पर एक शादी में अगर कम से कम 15 लाख रुपये का खर्च होता है, तो उस पर लगभग 1 लाख रुपये का जीएसटी देना पड़ता है, मंगल कार्यालय, कैटरिंग, शादी के कार्ड, कपड़ों का बस्ता, बस, गहने, फोटो-वीडियो शूटिंग आदि जिसका भी बिल लिया जाता है, उस पर जीएसटी अलग-अलग रेट से लागू होता है।
| खर्च का प्रकार | कुल खर्च (₹) | जीएसटी | जीएसटी राशि (₹) |
|---|---|---|---|
| मंगल कार्यालय | 1,50,000 | 18% | 27,000 |
| भोजन (कैटरिंग) | 1,50,000 | 5% | 7,500 |
| शादी के कार्ड | 12,500 | 18% | 2,250 |
| कपड़ों का बस्ता | 1,50,000 | 5% | 7,500 |
| सोने के गहने | 6,04,000 | 3% | 18,120 |
| निजी बस किराया | 35,000 | 18% | 6,300 |
| डेकोरेशन | 1,50,000 | 5% | 7,500 |
| वीडियो शूटिंग | 1,50,000 | 18% | 27,000 |
| सगवत / गिफ्ट | 1,00,000 | 5% | 5,000 |
66 संगठन के अध्ययन के अनुसार इस वर्ष देश में 46 लायख विवाह समारोह होने का अनुमान है। यवतमाल जिले में भी बड़ी संख्या में विवाह कार्यक्रम हो रहे हैं। इससे चाजारों में भारी लेनदेन होने की उम्मीद है। इस बार सोने से भी ज्यादा कपड़ों की खरीद-फरोख्त होने की संभावना है। हमारी वैबर ऑफ कॉमर्स भी CAT के साथ जुड़ी हुई है।
– अरुण पोबारू, केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT)
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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAT) हर वर्ष दिवाली के बाद होने वाली शादियों का अनुमान लगाकर यह घोषित करता है कि बाजारों में कितनी आर्थिक गतिविधि होने वाली है। इस बार संगठन ने बताया है कि देश में 46 लाख शादियां होंगी और इनके माध्यम से साढ़े छह लाख करोड़ रुपये की बाजार उलाढाल होने का अनुमान है। यवतमाल जिले में भी नवंबर से लगातार शादियों का दौर शुरू हो चुका है, और फरवरी तक शुभमुहूर्त बुक हो चुके हैं। ऐसे में जिले में भी करोड़ों का कारोबार तय माना जा रहा है।






