
कपास की गाड़ियां (फोटो नवभारत)
Yavatmal Cotton Farmer Registration Issue: यवतमाल जिले के किसानों के लिए इस साल कपास की बिक्री प्रक्रिया चुनौती बन गई है। गारंटी मूल्य पर कपास बेचने के लिए इस बार किसानों को ‘किसान ऐप’ पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है। लेकिन अब तक सिर्फ 61 हजार किसानों ने ही पंजीकरण कराया है, जबकि जिले में साढ़े तीन लाख से अधिक किसान अभी इस प्रक्रिया से बाहर हैं।
जिले में लगभग पांच लाख हेक्टेयर भूमि पर कपास की खेती की जाती है और किसानों की संख्या ढाई लाख से अधिक है। सरकार द्वारा घोषित गारंटी मूल्य निजी व्यापारियों से करीब एक हजार रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। ऐसे में यदि किसानों को गारंटी मूल्य केंद्र पर बिक्री का अवसर नहीं मिलता है, तो उन्हें खुले बाजार में कम दाम पर कपास बेचनी पड़ेगी, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कृषि विभाग ने किसानों से जल्द से जल्द ऐप पर पंजीकरण करने की अपील की है। विभाग के अनुसार, गारंटी मूल्य केंद्रों पर केवल उन्हीं किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्होंने ऐप के माध्यम से अपना नाम दर्ज कराया है।
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किसानों में इस बात को लेकर असमंजस है कि सीमित पंजीकरण के चलते कहीं उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य न मिल पाए। किसान संगठनों ने भी प्रशासन से समयसीमा बढ़ाने और ग्रामीण इलाकों में विशेष अभियान चलाकर पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की है। यदि समय रहते पंजीकरण नहीं हुआ, तो व्यापारी इस स्थिति का फायदा उठाकर किसानों से कपास सस्ते दामों पर खरीद सकते हैं।
| क्रमांक | तहसील | पंजीकृत किसान संख्या |
|---|---|---|
| 1 | यवतमाल | 4,500 |
| 2 | कलंब | 3,700 |
| 3 | रालेगांव | 8,000 |
| 4 | घाटंजी | 7,429 |
| 5 | पांढरकावड़ा | 6,500 |
| 6 | मारेगांव | 5,932 |
| 7 | वणी | 14,933 |
| 8 | दारव्हा | 4,807 |
| 9 | नेर | 1,193 |
| 10 | आर्णी | 4,608 |
| 11 | दिग्रस | 2,284 |
| 12 | पुसद | 3,710 |
| 13 | महागांव | 1,284 |
| कुल | — | 68,880 |






