
विजय माल्या, (फाइल फोटो)
Vijay Mallya Birthday Special: भारत का ‘भगोड़ा नंबर-1’ कहे जाने वाले विजय माल्या का आज जन्मदिन है। 18 दिसंबर, 1955 में उनका जन्म हुआ था। माल्या का देश छोड़े करीब 9 साल हो चुके हैं। 17 भारतीय बैंकों का लगभग 9,000 करोड़ रुपये लेकर लंदन भागे माल्या की तस्वीरें जब भी सामने आती हैं, वे किसी शाही उत्सव या रेस कोर्स की होती हैं। सवाल यह उठता है कि जिस व्यक्ति को भारत की अदालतों ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित किया है और जिसकी संपत्ति कुर्क की जा चुकी है, वह विदेश में इतना आलीशान जीवन कैसे जी रहा है?
साल 2016 में जब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में 17 बैंकों का दबाव बढ़ा, तो विजय माल्या रातों-रात लंदन फरार हो गए। उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया गया कर्ज उनके गले की फांस बन गया। भारत में उनकी ‘किंगफिशर विला’ और ‘किंगफिशर हाउस’ जैसी संपत्तियां नीलाम हो चुकी हैं, लेकिन माल्या के रसूख पर इसकी आंच पड़ती नहीं दिखती।
माल्या की जिंदगी हमेशा से उनके बिजनेस से ज्यादा उनके निजी संबंधों और पार्टियों के लिए चर्चा में रही है। माल्या की पहली शादी एयर इंडिया की एयर होस्टेस समीरा शर्मा से हुई थी। उनका एक बेटा है, सिद्धार्थ माल्या। इसके बाद 1993 में उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त रेखा से शादी की। रेखा और माल्या की दो बेटियां हैं- लीया और तान्या। वर्तमान में माल्या लंदन में अपनी पार्टनर पिंकी लालवानी के साथ रहते हैं। पिंकी पूर्व में किंगफिशर एयरलाइंस में ही काम करती थीं। वे माल्या के हर बुरे वक्त में उनके साथ साये की तरह खड़ी रही हैं और अक्सर लंदन की कोर्ट में उनके साथ देखी जाती हैं।
यह सबसे बड़ा सवाल है कि ब्रिटिश के अदालतों में सुनवाई के दौरान माल्या ने कई बार खुद को “कंगाल” बताया है, लेकिन उनकी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जानकारों के अनुसार, उनके खर्चों के कई मुख्य स्रोत हैं। माल्या की अधिकांश वैश्विक संपत्तियां उनके खुद के नाम पर न होकर ‘फैमिली ट्रस्ट’ के नाम पर हैं। इन ट्रस्टों के लाभार्थी उनके बच्चे या परिवार के अन्य सदस्य हैं, जिससे कानूनी रूप से उन संपत्तियों को जब्त करना मुश्किल होता है।

जांच एजेंसियों का मानना है कि माल्या ने कर्ज की एक बड़ी राशि विदेशी खातों में डाइवर्ट की थी। लंदन के पास उनका ‘लेडीवॉक’ स्थित बंगला भी उनकी मां के नाम पर बताया जाता है। ब्रिटिश अदालत ने विजय माल्या को उनके कानूनी खर्चों और रहने के लिए जब्त संपत्तियों के फंड से एक निश्चित साप्ताहिक राशि (हजारों पाउंड में) निकालने की अनुमति दी हुई है।
भारत सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण (Extradition) के लिए सभी कानूनी लड़ाइयां जीत ली हैं। ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने भी उनके प्रत्यर्पण पर मुहर लगा दी है। हालांकि, एक “गुप्त कानूनी प्रक्रिया” (माना जाता है कि राजनीतिक शरण की प्रार्थना) के कारण उनकी भारत वापसी रुकी हुई है। विजय माल्या की कहानी भारतीय बैंकिंग व्यवस्था की कमियों और एक चालाक व्यवसायी के कानूनी दांव-पेंचों का जीता-जागता उदाहरण है।
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करोड़ों रुपये के कर्जदार होने के बावजूद, वह लंदन में जिस तरह की विलासितापूर्ण जिंदगी जी रहे हैं, वह भारत के आम करदाताओं और उन बैंक कर्मचारियों के लिए एक कड़वा सच है जो आज भी उस पैसे की वसूली की राह देख रहे हैं।






