यवतमाल जिला अस्पताल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Waterborne Diseases Outbreak In Umarkhed: यवतमाल जिले के उमरखेड़ पिछले 15 अगस्त से लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ के कारण उमरखेड़ तहसील में जलजनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुखार, सर्दी, खांसी, मतली और उल्टी जैसी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिससे सरकारी और निजी अस्पताल भरे हुए हैं। इस बीमारी का सबसे ज्यादा असर युवा और बुजुर्गों पर दिख रहा है।
लगातार बारिश और बाढ़ से पहले ही किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों का काफी सामान नष्ट हो गया है। ऐसे में, जब नागरिक अपनी आजीविका को लेकर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, तो इन बीमारियों ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है।
बाढ़ का पानी गांवों में घुसने से बड़े पैमाने पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और गंभीर हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त सुविधाओं की कमी के कारण, मरीजों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में इलाज के लिए हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं, जिससे पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों पर और अधिक बोझ पड़ रहा है। नागरिक संगठनों ने सरकार से इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की मांग की है।
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इस विकट स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। तालुका स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैला रहा है। ताकि बेवजह मरीजों की संख्या न बढ़े….
प्रशासन का दावा है कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था लगातार काम कर रही है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है, ताकि मरीजों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।