तेंदुए के हमले से गाय की मौत (फोटो नवभारत)
Yavatmal Leopard Terror News: यवतमाल जिले की मारेगांव तहसील में पिछले कुछ सालों से तेंदुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे यहां का माहौल ताड़ोबा अभयारण्य जैसा लगने लगा है। 4 सितंबर को मुक्ता गांव के खेतों में तेंदुए के हमले में दो गायों की मौत के बाद ग्रामीणों और किसानों में दहशत और भी गहरी हो गई है।
बोटोनी, खेकड़वाई, शिवनाला, गौराला, सराटी, खैरगांव, अवलगांव, कन्हालगांव और पंडाविहिर समेत कई गांवों में तेंदुओं द्वारा मवेशियों पर हमला कर उन्हें मारने की घटनाएं आम हो गई हैं। पिछले साल तो बोटोनी गांव के पास एक नाले में एक तेंदुए का शव भी मिला था। यह स्थिति पिछले 5-6 सालों में ज्यादा गंभीर हुई है, जब तेंदुए बकरियों, सूअरों और आवारा कुत्तों पर भी हमला करने लगे हैं। इस कारण किसान और खेतिहर मजदूर अब खेतों में जाने से डरने लगे हैं।
4 सितंबर की शाम लगभग 6:30 बजे, मुक्ता गांव के किसान श्यामसुंदर कृष्णजी अपनी गायों को चराकर घर लौट रहे थे, तभी एक तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया और दोनों गायों को मार डाला। वन विभाग ने भी इस घटना की पुष्टि की है। इस हमले के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है और मजदूर खेतों में काम पर जाने से कतरा रहे हैं।
पिछले एक साल से निंबाला इलाके के जंगलों में तेंदुओं का स्थायी निवास देखा जा रहा है, और अब वे गौराला और वरूड़ इलाकों में भी दिखाई देने लगे हैं। मुक्ता गांव में हुई घटना ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि ये तेंदुए अब रिहायशी इलाकों के करीब आ गए हैं। पूरी तहसील में इस समय 2 से 3 तेंदुए सक्रिय हैं, जिनका मुख्य ठिकाना निंबाला और गौराला का इलाका बन गया है।
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इन क्षेत्रों में मौजूद खदानों से बनी गहरी खाइयां तेंदुओं के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गई हैं। ग्रामीणों ने तेंदुओं के पैरों के निशान और तस्वीरें भी वन विभाग के साथ साझा की हैं और विभाग से तुरंत पिंजरे लगाने की मांग कर रहे हैं।
वन रेंज अधिकारी शंकर हटकर ने बताया कि फिसकी वन क्षेत्र में तेंदुए का स्थायी निवास है और हाल ही में उसने मुक्ता गांव में गायों को मारा है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर कैमरे लगाए गए हैं और ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे रात में खेतों में न जाएं, केवल दिन के समय ही काम करें और अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने आश्वासन दिया कि वन विभाग स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।