
फसल ऋण वसूली पर आक्रोश (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Brahmapuri News: सरकार ने जबरन ऋण वसूली और ऋण पुनर्गठन पर रोक लगा रखी है, इसके बावजूद ब्रह्मपुरी परिसर के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले एक सप्ताह से कई बैंक और सहकारी सोसायटियाँ किसानों के आधार कार्ड, बैंक पासबुक और किसान आईडी जमा कर रही हैं। इससे किसानों में अनावश्यक मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इस प्रक्रिया के चलते किसानों में यह डर पैदा हो गया है कि कहीं बैंक बकाया ऋण की वसूली या फसल ऋण के पुनर्गठन की कार्रवाई शुरू न कर दें।
इसी मुद्दे को लेकर नाराज किसानों ने मंगलवार को गांगलवाड़ी स्थित जिला सहकारी बैंक का घेराव किया। यह आंदोलन स्थानीय भाकपा किसान नेता कॉमरेड विनोद झोडगे के नेतृत्व में किया गया। संभावित खतरों को देखते हुए ब्रह्मपुरी तालुका के आवलगांव, हल्दा, मुडझा, कुडेसावली, बालारपुर, पद्मापुर, भुजबोध, बांद्रा, डोरली, चिचगांव, बरडकिन्ही, सायगांटा, मुरपार और गांगलवाड़ी सहित कई गांवों के सैकड़ों किसान बैंक शाखा पर पहुंचे और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
किसानों ने मांग की कि उनसे लिए गए कर्ज की जबरन वसूली न की जाए और न ही ऋण अदायगी के लिए दबाव बनाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आंदोलन तेज करेंगे। इस दौरान संजय लोनारे, धनराज ठाकरे, सुरेश नकाते, शंकर सातपुते, केशव बानबले, तुलसीदास जरुरकर, चंद्रभान देशमुख, गजानन लाडसे, संजय भोयर, मनोहर भरे समेत बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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जून से सितंबर 2025 के बीच भारी बारिश और बाढ़ के कारण चंद्रपुर जिले के कई किसानों की फसलें और खेत बुरी तरह प्रभावित हुए थे। कई जगह मवेशियों की मौत, जनहानि और मकानों के ढहने जैसी घटनाएँ भी सामने आई थीं।
किसानों द्वारा खेती के लिए लिए गए ऋण पर बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार ने प्रभावित किसानों की सहायता हेतु ऋण माफी और वसूली रोकने का निर्णय लिया था।
सरकार के 26 नवंबर 2025 के आदेश में सहकारी ऋणों की वसूली और पुनर्गठन पर रोक लगाने के निर्देश स्पष्ट रूप से दिए गए थे।






