
वीर सावरकर अवॉर्ड और शशि थरूर (फोटो- सोशल मीडिया)
Shashi Tharoor Got Veer Savarkar Award: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर अक्सर अपनी बेबाक राय और शानदार अंग्रेजी के लिए जाने जाते हैं लेकिन इस बार मामला कुछ अलग है। मंगलवार को एक खबर ने सियासी गलियारों में अचानक हलचल मचा दी जब शशि थरूर का नाम वीर सावरकर अवॉर्ड पाने वालों की सूची में देखा गया। हर कोई हैरान था कि क्या वाकई थरूर को यह सम्मान मिलने जा रहा है। लेकिन कहानी में एक नया और दिलचस्प मोड़ तब आया जब खुद सांसद ने सामने आकर इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी और एक ऐसा खुलासा किया जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया।
दरअसल शशि थरूर को इस बात की भनक तक नहीं थी कि दिल्ली में होने वाले एक कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित किया जाना है। उन्होंने साफ शब्दों में बताया कि उन्हें इस अवॉर्ड के बारे में न तो कोई आधिकारिक चिट्ठी मिली और न ही आयोजकों ने उनसे संपर्क किया। उन्हें तो इस बात का पता तब चला जब उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स में अपना नाम देखा। उस वक्त थरूर केरल में मौजूद थे और वहां के स्थानीय निकाय चुनावों में अपना वोट डालने के लिए गए हुए थे। मीडिया के जरिए ही उन्हें पहली बार इस सम्मान की जानकारी मिली जो उनके लिए भी किसी सरप्राइज से कम नहीं था।
थरूर ने तुरंत सोशल मीडिया का सहारा लिया और एक ट्वीट के जरिए पूरी स्थिति साफ की। उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि जब उन्हें इस अवॉर्ड के बारे में पता ही नहीं था और न ही उन्होंने इसे स्वीकार किया है तो इसे लेने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने आयोजकों के रवैये को पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। उनका कहना था कि मेरी सहमति के बिना मेरा नाम घोषित कर देना सरासर गलत है। अवॉर्ड किस संदर्भ में दिया जा रहा है या इसके आयोजक कौन हैं इसकी कोई भी जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी इसलिए इस कार्यक्रम में भाग लेने या अवॉर्ड स्वीकार करने का कोई प्रश्न ही पैदा नहीं होता। थरूर के इस स्पष्टीकरण ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया जो सुबह से चल रही थीं।
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शशि थरूर वैसे भी अक्सर चर्चा का केंद्र बने रहते हैं। इस अवॉर्ड वाले विवाद से ठीक पहले वे एक और खास वजह से सुर्खियों में थे। हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में दिए गए राजकीय भोज में वे शामिल हुए थे। थरूर ने बताया कि वहां का माहौल बहुत गर्मजोशी भरा और आत्मीय था। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके जानकारी दी थी कि रूसी प्रतिनिधिमंडल और वहां मौजूद अन्य लोगों से बातचीत करना उनके लिए काफी आनंददायक अनुभव रहा। पुतिन के सम्मान में दिए गए भोज के एक दिन बाद आई उनकी टिप्पणी भी काफी वायरल हुई थी जिसमें उन्होंने साथी मेहमानों की तारीफ की थी।






