बारिश के चलते सड़क बंद
यवतमाल. शहर सहित जिलेभर में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। सोमवार को बडा पोला त्यौहार के दिन भी सुबह से लगातार शाम तक बारिश की झमाझम होती रही। सोमवार को बिजली, पोला और पानी का नजारा देखने को मिला। वहीं आसमानी बिजली भी जोरों से चमकने लगी। लगातार बारिश की वजह से पैनगंगा नदी में बाढ़ आ गई। वहीं नागपुर तुलजापुर महामार्ग बाढ़ के पानी में डूब जाने से विदर्भ मराठवाड़ा का संपर्क टूट गया। जिससे इस मार्ग से होने वाला यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।
महागांव में चार घरों में बारिश का पानी घुस जाने से वहां रहने वाले लोगों के सामने मुसीबत आन पड़ी है। बीते कुछ दिनों से यवतमाल जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके चलते नदी नाले उफान पर बह रहे हैं। बारिश का जोर जारी रहने से पैनगंगा नदी में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के चलते नागपुर तुलजापुर महामार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा विदर्भ मराठवाडा को जोड़ने वाला जिले के मार्लेगांव के नजदीक के पुल पर से पानी बह रहा है।
प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए मार्ग बंद कर दिया है। रातभर बारिश होने से कायधु नदी में बाढ़ आ गई है। पुल के उपरी हिस्से से पानी बह रहा है। अब तक इसापुर बांध के दरवाजे खोले नहीं गए हैं। इसापुर बांध में पानी की आवक तेजी से हो रही है। जिसके बाद बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं। इसापुर बांध के दरवाजे खोले जाने पर हालात गंभीर होने की संभावना है।
महागांव में शनिवार और रविवार को हुई मूसलाधार बारिश से पुराने महागांव परिसर से बहने वाले पूस नदी तट पर रहने वाले चार परिवारों की जीवनावश्यक वस्तुओं सहित घरेलू सामग्री और अनाज बाढ़ के पानी में बह जाने से उन चार परिवारों पर भुखमरी की नौबत आन पड़ी है। इसके अलावा पोखरी में किसानों की कपास फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण महगांव शहर में हर तरफ जलभराव हो गया। पुराने महगांव में प्रताप चंदेल के घर के पास रहने वाले मारुति शिंदे के साथ सुनीता जीवन भिसे, भरत काले, बलिराम गुधे का परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए। बाढ़ के पानी में उपयोगी सामग्री, कपड़े और खाद्यान्न बह गया।
नदी में गिरा ट्रक
महागांव तहसील प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया, नायब तहसीलदार विश्वंभर राणे, मंडल अधिकारी राम पंडित ने पुराने महागांव क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता नितिन नरवाड़े की मदद से तत्काल कार्रवाई करते हुए अनाज भोजन की व्यवस्था की। श्रीक्षेत्र माहुर और धनोड़ा के बीच पैनगंगा नदी के पुल पर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ ही तहसील प्रशासन की टीम भी देर रात तक अलर्ट पर थी। हर्षवर्द्धन मनोहर मुनेश्वर सहित पोखरी क्षेत्र के कई ग्रामीणों को कपास और सोयाबीन की फसल का भारी नुकसान हुआ। उन्होंने पोखरी क्षेत्र के किसानों को तहसील प्रशासन के आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से फसल बीमा मुआवजा दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है। हिवरा के एक छोटे किसान अजय कदम की कपास फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है।
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नेर तहसील के कारखेड़ा के एक खेतिहर मजदूर धर्मपाल मुधाने (50) जब गांव में बैल पोला मनाने के लिए तोरण बांध रहे थे, उसी क्षण घर की छत से सड़क पर गिर गए और धर्मपाल के सिर और फेफड़ों पर गंभीर चोटें आईं इलाज के लिए लोही के सरकारी अस्पताल मे ले जाया गया। लेकिन वहां पर कोई भी सुविधा न होने के कारण धर्मपाल को नेर के ग्रामीण अस्पताल मे लाया गया। उनकी हालत बहुत चिंताजनक थी, इसीलिए उन्हें यवतमाल वसंतराव नाइक अस्पताल में रेफर किया जाने वाला था। लेकिन उनके शरीर की हलचलें नहीं होने से वापिस नेर के ग्रामीण अस्पताल में वापस लाया गया। जहां पर डा। प्रशिक भोयर ने उसे मृत घोषित कर दिया। धर्मपाल मुधाने के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी हैं।
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पूस नदी में आयी बाढ़ को पार करते समय एक युवक बह गया था। उसका शव 2 सितंबर की सुबह 10 बजे नदी पात्र की जाली में अटका हुआ दिखाई दिया। मृतक का नाम धुंदी निवासी संतोष महादा मोघे (34) बताया गया है। वह पुसद शहर में पोला त्यौहार निमित्त बैलों को सजाने की सामग्री खरीदी करने के लिए आया था। 1 सितंबर को मूसलाधार हुई बारिश से नदी नाले उफान पर बह रहे थे। संतोष पुल पर से बह रहे पानी में से जल्दबादी में गुजरते हुए घर जाने के लिए निकला था। लेकिन तभी बाढ़ का प्रवाह बढ़ने से वह अपना संतुलत खो बैठा और पानी के प्रवाह में बह गया। शहर पुलिस थाने के कर्मचारियों ने उक्त बह गए युवक को ढूंढने को वह नदी पात्र के जाली में अटका हुआ दिखाई दिया। शव को शासकीय अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया। मामले की जांच शहर पुलिस कर रही है।