डॉ. हेमंत खड़के (सौ. सोशल मीडिया )
Wardha News In Hindi: साहित्य में बड़ी ताकत होती है। इंसान में उनके सफलता का मार्ग खोजने की क्षमता होती है। जीवन से भटके व्यक्ति ने समय पर साहित्य को अवलोकन किया तो उसका जीवन अच्छा हो सकता।
इसलिए साहित्य के संगत से जीवन समृद्ध होता है। ऐसे विचार संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविदयालय के मराठी विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक, साहित्यिक, समीक्षक व वक्ते डॉ। हेमंत खडके ने व्यक्त किए।
वह शिक्षा मंडल संचालित गो से वाणिज्य महाविद्यालय वर्धा के ग्रंथालय विभाग व भाषा विभाग की ओर से वाचन प्रेरणा दिवस के उपलक्ष्य साक्षात्कार का आयोजन किया था। इस प्रसंग पर वह बोल रहे थे।
इस अवसर पर मंच पर प्राचार्य डॉ। अरुंधती निनावे, ग्रंथपाल डॉ। नागसेन बनसोड, डॉ। मिलिंद शेंडे, साक्षात्कारकर्ता डॉ। आनंद इंगोले उपस्थित थे। डॉ। हेमंत खडके ने साक्षात्कार में कहा अपना जीवन छात्रों के सामने रखने पर छात्रों को प्रेरणा मिली।
पालक के इच्छा पर अभियांत्रिकी में प्रवेश लिया। लेकिन अभियांत्रिकी पदवीका पूर्ण कर मराठी की ओर ध्यान दिया और प्राध्यापक का कार्य किया। आज का युग स्पर्धा का युग है। स्पर्धा करते समय समीप होने वाले सहयागी के साथ दूरी निर्माण नही करे।
ऐसी सलाह डॉ। खडके ने दी। प्रास्ताविक व संचालन डॉ। नागसेन बनसोड ने किया। आभार डॉ। मिलिंद शेंडे ने माना। कार्यक्रम के लिए प्रा। निलेश बोबडे, सुभाष बोधनकर, अरुण आत्राम, नितेश बैसवारे, प्राध्यापक व शिक्षकेतर कर्मचारी ने सहयोग किया।
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प्राचार्य डॉ। अरुंधती निनावे ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि आज सभी प्राणियों का समान महत्व है। इंसान में बुद्धिमत्ता व विचार करने की क्षमता अधिक होती है। वह उसकी अलगता है। इसका उचित इस्तेमाल कर प्रगती तय करें।