
महायुति (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Mahayuti: ‘जहां जिसका मजबूत आधार, वहीं वह लड़ेगा’, इस सूत्र के अनुसार महायुति का फॉर्मूला लगभग तय माना जा रहा है। मुंबई को छोड़कर राज्य की अन्य महानगरपालिकाओं में गिने-चुने स्थानों को छोड़ दें तो महायुति लगभग समाप्त होती दिखाई दे रही है। नागपुर में तो भाजपा ने पूरी तरह से अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है।
38 प्रभागों के इच्छुक उम्मीदवारों के इंटरव्यू शुरू हो चुके हैं और संभावित उम्मीदवारों की सूची भी तैयार की जा रही है। इसके बावजूद सहयोगी दल शिंदे सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) को अभी भी सीटों की उम्मीद बनी हुई है। हालांकि सूत्रों के अनुसार अब बैठक केवल औपचारिकता भर रह गई है।
भाजपा ने नागपुर में पहले से ही ‘स्वबल’ यानी अपने दम पर चुनाव लड़ने का नारा दे दिया है। शहर में पार्टी का संगठन मजबूत है और पिछले 15 वर्षों तक मनपा में सत्ता भी भाजपा के पास रही है। पार्टी के पास सभी 38 प्रभागों में इच्छुक उम्मीदवारों की भीड़ और मजबूत चेहरे मौजूद हैं। इसी कारण महायुति के अन्य घटक दलों को साथ लेने की संभावना काफी कम मानी जा रही है।
जानकारी सामने आ रही है कि फूट के बाद मौजूदा शिंदे सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) का नागपुर मनपा में एक भी पार्षद नहीं है। इसी वजह से भाजपा ने उन्हें एक भी सीट न देने की मानसिकता बना ली है। केवल चर्चा का आश्वासन देकर उन्हें प्रतीक्षा में रखकर समय बिताया जाएगा।
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भाजपा के स्थानीय स्वराज्य संस्था चुनावों के राज्य प्रभारी और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी अपने दम पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। उसी के अनुसार पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी सक्रिय रूप से काम में जुट गए हैं।
इस बीच शिंदे सेना की ओर से गुरुवार या शुक्रवार को चर्चा होने की संभावना जताई गई है। पार्टी के नेता विधायक कृपाल तुमाने और पूर्व विदर्भ संगठन प्रमुख किरण पांडव शहर से बाहर होने के कारण बुधवार को चर्चा नहीं हो सकी। अब उनकी उपस्थिति में भाजपा की ओर से प्रस्ताव आने के बाद बातचीत होगी। महानगर जिला प्रमुख सूरज गोजे ने बताया कि बैठक में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) की बुधवार को जिला निरीक्षक और पूर्व विधायक राजेंद्र जैन की उपस्थिति में बैठक हुई। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी की शहर इकाई द्वारा मांगी गई 15 प्रतिशत सीटों यानी 22 से 23 सीटों की सूची तैयार की गई। यह सूची और प्रस्ताव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भेज दिया गया है। स्थानीय स्तर पर चर्चा की संभावना कम होने के कारण गठबंधन या सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय वरिष्ठ स्तर पर ही लिया जाएगा।






