बर्फ का गोला गिरा (सौजन्य-नवभारत)
Wardha News: वर्धा जिले के हमदापुर गांव में बुधवार 10 सितंबर की शाम को एक बड़े आकार के बर्फ के गोले के आकाश से गिरने का दावा किया गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बताया गया कि यह बर्फ का गोला लगभग 2 से 4 किलो वजन का था और वह गांव के वासनिक परिवार के घर के आंगन में गिरा।
लेकिन इस घटना की जांच करने के बाद विदर्भ क्षेत्र के आकाश निरीक्षण मंडल के अध्यक्ष पंकज वंजारे ने इस दावे को खारिज कर दिया है। उन्होंने गुरुवार 11 सितंबर की सुबह खुद घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया और इस घटना के पीछे का वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत किया। वंजारे ने कहा कि आकाश से इतने बड़े आकार की बर्फ का गिरना अत्यंत दुर्लभ घटना है, जिसे ‘मेगाक्रायोमीटियर’ कहा जाता है।
लेकिन ऐसी घटना के लिए विशेष भौगोलिक और मौसम संबंधि परिस्थितियां अनिवार्य होती हैं, जो उस समय वर्धा जिले में नहीं थीं। एक अन्य संभावित कारण ‘ब्लू आइस’ हो सकता था, जो हवाई जहाजों से जमा हुआ बर्फ का टुकड़ा होता है, जो जमीन पर गिर सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में बर्फ का टुकड़ा तेज़ गति से गिरता है, जिससे जमीन पर गहरा गड्ढा बनता है और बर्फ के टुकड़े टूट जाते हैं।
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वंजारे ने बताया कि इस घटना में जमीन पर केवल 1 सेंटीमीटर से भी कम गहराई का गड्ढा मिला और बर्फ का गोला पूरी तरह से सुरक्षित था। उसमें कोई टूट-फूट नहीं थी। यह परिस्थिति आकाश से गिरने वाली बर्फ के लिए असंभव सी लगती है। स्थानीय लोगों से बातचीत और बर्फ के गोले की बनावट का निरीक्षण करने के बाद वंजारे ने बताया कि यह बर्फ का गोला करीब 6 इंच व्यास का था और इसका आकार किसी भी प्रकार की प्राकृतिक ओलावृष्टि (हेलस्टोन) से मेल नहीं खाता। सभी तथ्यों और वैज्ञानिक विश्लेषणों के आधार पर उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह बर्फ का गोला आकाश से नहीं गिरा, बल्कि यह किसी अन्य स्रोत से वहां पहुंचा होगा।