टिटवाला में हुआ जलभराव (सौ. कॉन्सेप्ट इमेज )
Thane News: बुधवार को बारिश की रफ्तार भले ही कम हो गयी, लेकिन पिछले दो दिनों से लगातार हुई मूसलाधार बरसात की वजह से कालू नदी खतरे के निशान से ऊपा जहा रही है।
दो धाराओं में बह रही इस नदी का पानी टिटवाला शहर के निवले इलाकों में घुस गया, इसके कारण कई सोसायटियों एवं नदी के किनारे बसी चालों में पानी भर गया है। सड़कों पर भी जलभराव हुआ है है। बाहरी रिंग रोड के निचले इलाकों में पानी जमा हो गया है। जिनके घरों में पानी भर गया है वे स्कूल एवं सड़क के किनारे बैठक कर नदी को पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं। टिटवाला के सांगोडा रोड श्मशान भूमि के इर्द गिर्द बनी चालों एवं वासुंधरी रोड के प्रभात्रितों के लिए सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप सुरेश भोईर व अन्य लोगों ने नाश्ता एवं भोजन की।
सुविधा उपलब्ध करायी टिटवाला के रीजेंसी सर्वग कांप्लेक्स, नदी किनारे स्थित गार्डन में बढ़ का पानी घुस गया है। टिटवाला गणपति मंदिर के पास पटेल मार्ट क्षेत्र के पास का इलाका बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है। रायते पुल यातायात के लिए बंद होने के कारण, कल्याण से मुरबाड, जुन्नार इलावों में जाने वाले वाहन टिटवाला गोवेली होते हुए अपने गंतव्य की ओर जा रहे है। इन वाहनों को सड़क पर भी पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। कल्याण मोहने टिटवाला रोड पर वह का पानी भर गया है।
भातसा नदी के खतरे के निशान को पार करने के कारण खडवली के आसपास की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ का पानी बढ़ने के कारण बेहेरे ग्राम पंचायत एक विशेष वाहन में लाउडस्पीचर के जरिए नदी किनारे चल रहे नागरिकों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की गई। भातसा नदी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है, इसलिए राजस्व विभाग ने नदी किनारे बसे गांओं के लिए अलर्ट जारी किया है।
टिटवाला के कस स्थित एक पुनर्वास केंद्र में एका महिला की प्रतिक मृत्यु हो गई, लेकिन लगतर है रही मुसलाधार बारिश के कारण चर्च और पानी भर गया का। ऐसे में सबसे बड़ा साक सुनाया का शव अंतिम संस्कार के लिए प्रमाहन भूमि तक किसे पहुंचाया जाए। इस बीच कल्याण के तहसीलदार साचिन संजाल की पहल पर एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर महिला का शव नाठ में रखकर सुरक्षित तक से इशान तक पहुंचया, जिसके बाद उनकर अंतिम संस्कार संपन्न हो सका, इस मानवीय कार्य के निए एनडीआरएफ टीम की सभी ने प्रशंसा की।
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100 त्याग दिधले कुछ दिनों से हो रहीं जोरदार मारिश के बलते कल्याण खात्री किनारे स्थित से अधिक पर पानी में डूब गए. कुधवार दोपहर 3 बजे के बाद पनी का जोर बेड कम हुआ, जिसने लोगों को कुछ गहन मिली लेकिन बारिश रुक-रुक कर जारी है। कल्याण काही में मिल रही उल्हास और कालू नदियों कर अत्तस्तर खतरे के निशान तक पहुंच नया, रात 2 बजे से पानी बस्तियों में घूसने के चलते लोगों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। खाही किनारे स्थित कई तों में भी पानी भर गया, जिसके चलते दर्जनों पैसों को गोठडाई चयपास सड़क पर बांधना पदा इससे कहा लंबे समय तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। वहीं वालवूनी नदी का गनी भी शिवाजीनगर, बलपूनी और योगी धाम परिसर में परी उतरा गया, लोगों ने आरोप लगाया कि नदी में जमा कचरा और गाद को निकालने में मासा कोई कार्यवाई नहीं करती है।