उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फोटो: पीटीआई)
मुंबई. ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल में दो बच्चियों का यौन शोषण हुआ है। इस घटना को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। गुस्साए लोगों ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। इसी बीच सरकार ने इस मामले की जांच में कथित तौर पर कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया है।
उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “बदलापुर पुलिस थाने से जुड़े वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक, सहायक उप-निरीक्षक और हेड कांस्टेबल को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के लिए तत्काल निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं।”
राज्य सरकार ने दो छात्राओं के कथित यौन शोषण की जांच के लिए पहले ही एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दे दिया है। इससे पहले दिन में फडणवीस ने ठाणे पुलिस आयुक्त को मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया था।
उधर, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि पीड़ित लड़कियों के माता-पिता को शिकायत दर्ज कराने के लिये बदलापुर पुलिस थाने में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
वहीं, उद्धव ठाकरे ने इस घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ ‘महायुति’ सरकार महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना चला रही है, लेकिन बहनों की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस स्कूल में लड़कियों के साथ कथित तौर का यौन शोषण हुआ, उसका संबंध भाजपा नेताओं से है। उन्होंने कहा, “मामले की त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिलना चाहिए।”
पुलिस ने 17 अगस्त को स्कूल के एक अटेंडेंट को किंडरगार्टन की तीन और चार साल की दो छात्राओं के साथ यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया। शिकायत के अनुसार, उसने स्कूल के शौचालय में बच्चियों का यौन शोषण किया। इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने प्रधानाचार्य, क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ बलात्कार के प्रयास का आरोप लगाने का निर्देश दिया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)